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रविवार, 10 मार्च 2013

विशेष जांच या सतही जांच?

महाराष्ट्र सिंचाई घोटाले की जांच के लिए एसआईटी का गठन क्यों किया गया था,जब अच्छी तरह से जांच करने के लिए उसे कोई शक्तियाँ नही दी जा रही!! सिंचाई एसआईटी प्रमुख के अनुसार, टीम के पास इस मामले की जांच करने के लिए.कोई अधिकार नहीं है !! विधान परिषद में विपक्ष के नेता विनोद तावडे के लिए एक पत्र में कहा है,कि"आप एसआईटी के मापदंडों के बारे में अच्छी तरह परिचित हैं !! दिशा निर्देशों के अनुसार , एसआईटी के पास किसी भी आरोपों की जांच करने का अधिकार नहीं है. "
एसआईटी के पास मुकदमा चलाने की , या गवाहों को बुलाने की शक्ति नहीं है,क्यूंकि इसे जांच अधिनियम 1952 के आयोगों के तहत गठित नहीं किया गया है,और इसलिए इस मुद्दे के लिए एक एसआईटी की स्थापना अपराधियों की मदद करेगा हम बहुत निराश हैं कि सिंचाई घोटाले के अपराधि महाराष्ट्र के गठबंधन की राजनीति के कारण मुक्त हैं.



Special Investigation or Superficial Investigation?
Why was the SIT formed to investigate the Maharashtra Irrigation Scam when no powers to investigate thoroughly were to be granted to the team? According to the irrigation SIT chief, the team has no powers what-so-ever to probe into the matter.
"You are well aware about the working parameters of the SIT...As perthe guidelines, SIT is not empowered to probe any allegations." hesaid, in a letter to Leader of Opposition in the Legislative Council Vinod Tawde.The SIT does not have the power to prosecute, or summon witnesses, asit has not been constituted under the Commissions of Inquiry Act, 1952and hence setting up an SIT for this issue will only help the culprits. We are very disappointed that perpetrators of the Irrigation Scam are scot free due to coalition politics of Maharashtra.

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