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गुरुवार, 21 फ़रवरी 2013

कौन हैं अरविंद के विरोधी ??


आजकल अरविंद के कट्टर् विरोधी हैं - भ्रष्टाचारी, कांग्रेसी, और अन्धे मोदी-भाजपा भक्त .....इनके विरोध के अपने अपने कारण, वो हम सब जानते हैं.....लेकिन अरविंद े विरोधियों में ऐक तपका है - सनकी, निंदक, स्वार्थी, दोषदर्शी (CYNIC), शक्कीमिज़ाज़, संशयवादी (SKEPTIC), नकारात्मक सोच वाले लोगों का ...आज हम इन लोगों की बात करेंगे ......ये वो लोग है जो अरविंद को ना समझते हैं और ना समझना चाहते हैं ...ये वो लोग है जो हर उस व्यक्ति में कमियां ढूँढ़ते, उसकी मंशा पर शक करते हैं, जो देश के लिए कुछ अच्छा काम करता है ....भ्रष्टाचार से लड़ता है .....इन लोगों का सिर्फ एक ही काम है अरविंद की कमियां ढूँढना, अरविंद का बेवजह विरोध करना, अरविंद की हर बात पर बेवजह आलोचना करना .....अरविंद के बारे में उलजलूल बातें करना ...अरविंद को गालियाँ देना...अरविंद के अच्छे काम इनके लिए कोई मायना नहीं रखते ....यह सनकी, निंदक, स्वार्थी, दोषदर्शी (CYNIC), शक्कीमिज़ाज़, संशयवादी (SKEPTIC), नकारात्मक सोच वाले लोग देश का सबसे बड़ा दुर्भाग्य हैं .....

3 टिप्‍पणियां:

  1. अरविन्द केजरीवाल जिंदाबाद, आप जिंदाबाद..

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  2. अरविन्द विरोधियो को भी शायद कंही से पैसा मिलता है जिस तरह से वो अरविन्द की आलोचना करने में लगे हुए है..

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  3. मै एक सामान्य व्यक्ति हु और केजरीवाल जी के प्रति बहुत सम्मान है , लेकिन हम भी उनके विरोधि है. कारण इतना कि इन्सान जब एक को साधता है तब सब सधता है लेकिन सब को साधता है तो खुद मिट जाता है . वास्तविकता ये है कि 47 से लेकर आज तक कुछ वर्षो के अल्पमत वाली सरकार को छोड् दे काग्रेस का एकक्षत्र शासन रहा है , शुरुवात मे ही इसी काग्रेस ने गुलाम बनाने वाली इस अग्रेजी कानुन जो आज के दौर मे भ्रष्टाचार की जननी वाले कानुन को लागु किया . इसी कानुन मे गोपनियता के नाम पर थाना और कोर्ट मे भ्रष्टाचार और अमानविय कार्य होते है . अब जब उसके रोष मे अन्ना और अरविन्द जी के साथ खडे हुवे थे उन सब को उन्होने किसी को भगवा के नाम पर तो किसी को साम्प्रदायीकता के नाम पर अलग कर दिया . या यू कहिये कि सब को बिखेर दिया .
    विरोध हमे इस बात का है .
    अब इस बिखरे हुए दुश्मन से काग्रेस कैसे नही जीतेगी ? 65 साल से जीत रही है और आगे भी जीतेगी

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