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शनिवार, 16 फ़रवरी 2013

आप के अरविन्द.....

अभी जिन्दा हूँ मुझे दुश्मनों से लड़ लेने दो,
मैं नहीं मरुगा इनके क़त्ल से, मुझे जुल्म का जहर पीने दो"
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आज हमारे शेरों ने भगत सिंह और चन्द्र शेखर आज़ाद जी के पदचिन्हों पर चलते हुए दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई के दौरान जमानत लेने से साफ़ इनकार कर दिया है और जज के सामने कहा
>> "हमें धारा 144 तोड़ने का कोई पछतावा नहीं है, अगर लुटेरी रिश्वतखोर तानाशाही सरकार के खिलाफ आगे भी ऐसी जरुरत महसूस हुई तो हम बार बार ऐसा करेंगे, कोर्ट हमें दोषी मानती है तो हम किसी भी सजा को भुगतने के लिए तैयार हैं।"
>>"देश को जगाना है हमेँ बेल नहीँ जेल चाहिए !!"
>> "सरकार जनता के शांतिपूर्ण विरोध करने के अधिकार को पुलिस और न्यायपालिका के माध्यम से नियंत्रित करना चाहती है, ऐसे कुप्रयासों को भी चुनौती देनी होगी "

पटियाला कोर्ट के जज नेँ कहा आज तक भगत सिँह को देखने की आशा करता था, पर आज अरविन्द के रूप मेँ देख लिया । जज ने कहा, "मैं बेल दे रहा हूँ और आप ले नहीं रहे ... ऐसे मैं मुझे कानून पढना पड़ेगा के ऐसी स्थिति मैं क्या करूँ." क्या किसी जज ने आज तक किसी के लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग किया है ??

भारत माँ के इन वीर सपूतों की देशभक्ति और शौर्य को शत शत नमन।

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