We have always been telling people why we need
an independent CBI but both the Government and the Opposition ignored
our views. Here is an example that justifies our demands:
The 2G collusion case, how the prosecutor himself was benefiting the accused, is a slap in the face of those who think that the CBI is free!
If AK Singh is found guilty, it should be probed whether he was working on his own or following the orders of his political masters,after all it appears that the Law Minister himself had some interest in appointing Singh as a counsel in this high profile case.
But now, who will launch an inquiry against the Law minister? CBI?
||
हम हमेशा से लोगों को बताते रहे हैं कि सीबीआई क्यों आज़ाद होनी चाहिए,लेकिन सरकार और विपक्ष हमेशा से हमारे विचारों को नज़रंदाज़ करती रही! यहाँ हमारी मांग को जायज़ ठहराने का उदाहरण है:-
2G की नीलामी में मिलीभगत के केस में जिस तरह अभियोजक पक्ष जिस तरह दोषियों को बचा रहा था,वो उन लोगों के मुह पर एक करारा तमाचा है,जो सोचते हैं की सीबीआई स्वतंत्र है!
अगर A.K. Singh दोषी पाए जाते हैं, तो ये पता लगाना चाहिए कि,वो खुद ये काम कर रहे थे या फिर किसी राजनैतिक आका के कहने पर ये सब कर रहे थे,क्यूंकि ये दिखाई पड़ता है,की कानून मंत्री खुद श्री सिंह को इस महत्वपूर्ण मामले की उनकी परामर्श समिति में नियुक्त करना चाहते थे!
पर अब कौन कानून मंत्री के खिलाफ जांच बिठाएगा? सीबीआई ?
The 2G collusion case, how the prosecutor himself was benefiting the accused, is a slap in the face of those who think that the CBI is free!
If AK Singh is found guilty, it should be probed whether he was working on his own or following the orders of his political masters,after all it appears that the Law Minister himself had some interest in appointing Singh as a counsel in this high profile case.
But now, who will launch an inquiry against the Law minister? CBI?
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हम हमेशा से लोगों को बताते रहे हैं कि सीबीआई क्यों आज़ाद होनी चाहिए,लेकिन सरकार और विपक्ष हमेशा से हमारे विचारों को नज़रंदाज़ करती रही! यहाँ हमारी मांग को जायज़ ठहराने का उदाहरण है:-
2G की नीलामी में मिलीभगत के केस में जिस तरह अभियोजक पक्ष जिस तरह दोषियों को बचा रहा था,वो उन लोगों के मुह पर एक करारा तमाचा है,जो सोचते हैं की सीबीआई स्वतंत्र है!
अगर A.K. Singh दोषी पाए जाते हैं, तो ये पता लगाना चाहिए कि,वो खुद ये काम कर रहे थे या फिर किसी राजनैतिक आका के कहने पर ये सब कर रहे थे,क्यूंकि ये दिखाई पड़ता है,की कानून मंत्री खुद श्री सिंह को इस महत्वपूर्ण मामले की उनकी परामर्श समिति में नियुक्त करना चाहते थे!
पर अब कौन कानून मंत्री के खिलाफ जांच बिठाएगा? सीबीआई ?
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