सिचाई विभाग में ३५००० करोड़ का घोटाला
सिचाई विभाग में बना नेताओं, बाबुओं और ठेकेदारों का नेक्सस
सिचाई विभाग में ३५००० करोड़ का स्केम
सिचाई विभाग में बना नेताओं, बाबुओं और ठेकेदारों का नेक्सस
सिचाई विभाग में ३५००० करोड़ का स्केम
महाराष्ट्र सिचाई परियोजनाओं में घोटाले की बात तो काफी समय से सामने आरही थी ..लेकिन राज्य के तकनिकी सलाहकार समिति के सदस्य के पत्र ने इस मामले में एक नया खुलासा किया है को मिले इस पत्र के मुताबिक राज्य की सिचाई परियोजनाओं में हजारों करोड़ का भ्रस्टाचार हुआ है और इस भ्रष्टाचार के लिए नेताओं, बाबुओं और ढेकेदार का एक नेक्सस जिम्मेदार है यही कारण है की कई परियोजनाओं का कास्ट २० गुना तक बढ़ गया है..
महाराष्ट्र में पिछले कुछ सालों से धड़ा धड सिचाई परियोजनाओं को मंजूरी दी जा रही है जबकि जमीनी हकीकत ए है की कुछ परियोजना वर्षों से लटकी पड़ी है. सरकार के पास इस समय १ लाख करोड़ की परियोजना महाराष्ट्र में चल रही है .और साल का बजट ६००० से ७००० करोड़ का है. इसी में क्यों बन रहे हैं नए डैम और कैनाल .इस सवाल का जवाब भी राज्य तकनिकी सलाहकार समिति के सदस्य विजय पांढरे के इस पत्र में है लिखा गया है की किस तरह से सिचाई परियोजनाओं के लटकने के बावजूद नए डैम और कैनाल के ठेके दिए जा रहे हैं. भ्रष्टाचार का ए पत्र महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान , मुख्य सचिव के साथ साथ राज्यपाल को भी भेजा गया है.
एस पत्र में साफ साफ लिखा है की कई प्रोजेक्ट सी टेंडर के तहत आते हैं इसका मतलब होता है की प्रोजेक्ट कास्ट नही बढाया जायेगा इसके बावजूद प्रोजेक्ट कास्ट बढाया गया ..१५ पेज के लेटर में करप्सन की एक एक बारीकियां लिखी गयी हैं और यह भी लिखा गया है की जिनपर रखवाली की जिम्मेदारी है वही लूटने में लगे हैं.
कैसे बढाया जाता है प्रोजेक्ट का कास्ट
हालाकि ए फार्मूला सभी डैम के कांट्रेक्ट पर बाबू, नेता और ठेकेदार लगाते हैं लेकिन अभी हम बता रहे हैं कर्जत के कोंढ्ने डैम का ठेका हुआ तो सबसे कम ५६.१७ करोड़ का टेंडर एफ ए इंटरप्राईजेज ने भरा २४० हेक्टेयर में बन रहे इस प्रोजेक्ट की छमता २०.१९ ार्लीा निर्धारित की गई और कुछ ही महीने में सेम एरिया के लिए छमता ७१ ार्लीा कर दी गई यानि सिर्फ उचाई बड़ाई गई और प्रोजेक्ट कास्ट ३२८ करोड़ कर दिया गया हालाकि ए प्रोजेक्ट फ़िलहाल रुक गया है लेकिन बताया ए भी जाता है की छमता और बढाने के नाम पर कुछ ही महीने में इसका कास्ट ६१४ करोड़ तक चला गया था.
कैसे बढ़ता है डैम
का प्रोजेक्ट कास्ट
महाराष्ट्र में सिचाई परियोजनाओं का कास्ट बढ़ना कोई नयी बात नही है ..लेकिन किसी डैम के निर्माण में टेंडर कास्ट ५ गुना हो जाना. सरकारी बाबुओं , नेताओं और ठेकेदारों के एइसे नेक्सस की तरफ इशारा करता है जो पब्लिक के पैसे को लुट रहे हैं.कभी डैम की उचाई बढ़ाने के नाम पर तो कभी डैम की छमता बढाने के नाम पर प्रोजेक्ट का कास्ट कई गुना बढ़ा दिया जाता है. कभी उचाई बढ़ाने के नाम पर तो कभी डैम की छमता बढ़ाने के नाम पर कभी जमीन के निचे कड़े पत्थर के नाम पर हर बार बढ़ता है डैम का प्रोजेक्ट कास्ट जनता चाहती है करोड़ों के गोल मॉल का सीधा जवाब.
डैम पहले का कास्ट अभी का कास्ट
कोंढाने ५६ करोड़ ३२८ करोड़
बाणगंगा ४२० करोड़ १३२० करोड़
कालू डैम ६४० करोड़ १४०० करोड़
साई डैम ४१० करोड़ ११३९ करोड़
अब सवाल ए भी उठता है की जब कास्ट बढ़ाना ही था और चेंज करना था तो पहले सबसे कम वाले ठेकेदार को टेंडर किस आधार पर दिया गया. सबसे बड़ी बात ए है की किसी भी प्रोजेक्ट को बनाते समय सबसे पहले प्रोजेक्ट से प्रभावित लोगों का पुनर्वसन जरूरी है लेकिन इन डैम के मामले में कई बार तो ओफिसिअली किसानो की जमीन भी अक्वायर नही की गई.
महाराष्ट्र में पिछले कुछ सालों से धड़ा धड सिचाई परियोजनाओं को मंजूरी दी जा रही है जबकि जमीनी हकीकत ए है की कुछ परियोजना वर्षों से लटकी पड़ी है. सरकार के पास इस समय १ लाख करोड़ की परियोजना महाराष्ट्र में चल रही है .और साल का बजट ६००० से ७००० करोड़ का है. इसी में क्यों बन रहे हैं नए डैम और कैनाल .इस सवाल का जवाब भी राज्य तकनिकी सलाहकार समिति के सदस्य विजय पांढरे के इस पत्र में है लिखा गया है की किस तरह से सिचाई परियोजनाओं के लटकने के बावजूद नए डैम और कैनाल के ठेके दिए जा रहे हैं. भ्रष्टाचार का ए पत्र महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चौहान , मुख्य सचिव के साथ साथ राज्यपाल को भी भेजा गया है.
एस पत्र में साफ साफ लिखा है की कई प्रोजेक्ट सी टेंडर के तहत आते हैं इसका मतलब होता है की प्रोजेक्ट कास्ट नही बढाया जायेगा इसके बावजूद प्रोजेक्ट कास्ट बढाया गया ..१५ पेज के लेटर में करप्सन की एक एक बारीकियां लिखी गयी हैं और यह भी लिखा गया है की जिनपर रखवाली की जिम्मेदारी है वही लूटने में लगे हैं.
कैसे बढाया जाता है प्रोजेक्ट का कास्ट
हालाकि ए फार्मूला सभी डैम के कांट्रेक्ट पर बाबू, नेता और ठेकेदार लगाते हैं लेकिन अभी हम बता रहे हैं कर्जत के कोंढ्ने डैम का ठेका हुआ तो सबसे कम ५६.१७ करोड़ का टेंडर एफ ए इंटरप्राईजेज ने भरा २४० हेक्टेयर में बन रहे इस प्रोजेक्ट की छमता २०.१९ ार्लीा निर्धारित की गई और कुछ ही महीने में सेम एरिया के लिए छमता ७१ ार्लीा कर दी गई यानि सिर्फ उचाई बड़ाई गई और प्रोजेक्ट कास्ट ३२८ करोड़ कर दिया गया हालाकि ए प्रोजेक्ट फ़िलहाल रुक गया है लेकिन बताया ए भी जाता है की छमता और बढाने के नाम पर कुछ ही महीने में इसका कास्ट ६१४ करोड़ तक चला गया था.
कैसे बढ़ता है डैम
का प्रोजेक्ट कास्ट
महाराष्ट्र में सिचाई परियोजनाओं का कास्ट बढ़ना कोई नयी बात नही है ..लेकिन किसी डैम के निर्माण में टेंडर कास्ट ५ गुना हो जाना. सरकारी बाबुओं , नेताओं और ठेकेदारों के एइसे नेक्सस की तरफ इशारा करता है जो पब्लिक के पैसे को लुट रहे हैं.कभी डैम की उचाई बढ़ाने के नाम पर तो कभी डैम की छमता बढाने के नाम पर प्रोजेक्ट का कास्ट कई गुना बढ़ा दिया जाता है. कभी उचाई बढ़ाने के नाम पर तो कभी डैम की छमता बढ़ाने के नाम पर कभी जमीन के निचे कड़े पत्थर के नाम पर हर बार बढ़ता है डैम का प्रोजेक्ट कास्ट जनता चाहती है करोड़ों के गोल मॉल का सीधा जवाब.
डैम पहले का कास्ट अभी का कास्ट
कोंढाने ५६ करोड़ ३२८ करोड़
बाणगंगा ४२० करोड़ १३२० करोड़
कालू डैम ६४० करोड़ १४०० करोड़
साई डैम ४१० करोड़ ११३९ करोड़
अब सवाल ए भी उठता है की जब कास्ट बढ़ाना ही था और चेंज करना था तो पहले सबसे कम वाले ठेकेदार को टेंडर किस आधार पर दिया गया. सबसे बड़ी बात ए है की किसी भी प्रोजेक्ट को बनाते समय सबसे पहले प्रोजेक्ट से प्रभावित लोगों का पुनर्वसन जरूरी है लेकिन इन डैम के मामले में कई बार तो ओफिसिअली किसानो की जमीन भी अक्वायर नही की गई.
BJP CONGRESS BHAI BHAI SICHAI GHOTALE ME KHAI MILKR MILAI..
जवाब देंहटाएंअरविन्द भाई.. का बहुत बहुत धन्यवाद जिन्होंने ये घोटाला देश की जनता के सामने रखा.
जवाब देंहटाएंdESH KI koi aisi jgh jnha ghotala naa krte ho neta
जवाब देंहटाएंSham Shame ...
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