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गुरुवार, 8 नवंबर 2012

भारत को खुशहाल बनाने, आज क्रांतिफिर लाना है...




आज सभी आज़ाद हो गए, फिर ये कैसी आज़ादी
वक्त और अधिकार मिले, फिर ये कैसी बर्बादी
संविधान में दिए हक़ों से, परिचय हमें करना है,
भारत को खुशहाल बनाने, आज क्रांतिफिर लाना है...
जहाँ शिवा, राणा, लक्ष्मी ने, देशभक्ति का मार्ग बताया
जहाँ राम, मनु,

 हरिश्चन्द्र ने, प्रजाभक्ति का सबक सिखाया
वहीं पुनः उनके पथगामी, बनकर हमेंदिखना है,



भारत को खुशहाल बनाने, आज क्रांतिफिर लाना है...
गली गली दंगे होते हैं, देशप्रेम का नाम नहीं
नेता बन कुर्सी पर बैठे, पर जनहित का काम नहीं
अब फिर इनके कर्त्तव्यों की, स्मृति हमें दिलाना है,
भारत को खुशहाल बनाने, आज क्रांतिफिर लाना है...
पेट नहीं भरता जनता का, अब झूठी आशाओं से
आज निराशा ही मिलती है, इन लोभी नेताओं से



झूठे आश्वासन वालों से, अब ना धोखा खाना है,
भारत को खुशहाल बनाने, आज क्रांतिफिर लाना है...
दिल बापू का टुकड़े होकर, इनकी चालों से बिखरा
रामराज्य का सुंदर सपना, इनके कारण ना निखरा
इनकी काली करतूतों का, पर्दाफाश कराना है
भारत को खुशहाल बनाने, आज क्रांतिफिर लाना है...
सत्य-अहिंसा भूल गये हम, सिमट गया नेहरू सा प्यार



बच गए थे जे. पी. के सपने, बिक गए वे भी सरे बज़ार
सुभाष, तिलक, आज़ाद, भगत के, कर्म हमें दोहराना है
भारत को खुशहाल बनाने, आज क्रांतिफिर लाना है...

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