जम्मू
कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में चरम पंथियों के द्वारा फिदायीन हमले में 5
सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए हैं, और 2 आम नागरिक भी इस हमले की भेट चढ़ गए.
इतना ही नही कई और जवान भी इस में गंभीर रूप से घायल हैं. अफज़ल गुरु की फांसी के बाद से ही ऐसी घटनाओं का दौर जारी है. कभी सीमा पर तो कभी देश के ही भीतर ही जाबांज सिपाही इसी तरह बुजदिलों की गोलियों का शिकार हो रहे हैं.
विदेश मंत्री खुर्शीद को समझना होगा सिर्फ जुबां से जंग नही जीती जाती,जब तक असल दुश्मनों के खिलाफ कोई ठोस और कारगर कदम नही उठाया जाएगा, देश सुरक्षित नही हो सकता. जिन सिपाहियों की शहादत को वो धुंए में उड़ा रहे हैं, वो सीमा पर चौकस हैं इसीलिए दिल्ली सुरक्षित है.
हमारे इन शहीदों को, जो असल में देशभक्ति का पर्याय हैं , देश शत शत प्रणाम करता है!
इतना ही नही कई और जवान भी इस में गंभीर रूप से घायल हैं. अफज़ल गुरु की फांसी के बाद से ही ऐसी घटनाओं का दौर जारी है. कभी सीमा पर तो कभी देश के ही भीतर ही जाबांज सिपाही इसी तरह बुजदिलों की गोलियों का शिकार हो रहे हैं.
विदेश मंत्री खुर्शीद को समझना होगा सिर्फ जुबां से जंग नही जीती जाती,जब तक असल दुश्मनों के खिलाफ कोई ठोस और कारगर कदम नही उठाया जाएगा, देश सुरक्षित नही हो सकता. जिन सिपाहियों की शहादत को वो धुंए में उड़ा रहे हैं, वो सीमा पर चौकस हैं इसीलिए दिल्ली सुरक्षित है.
हमारे इन शहीदों को, जो असल में देशभक्ति का पर्याय हैं , देश शत शत प्रणाम करता है!
क्या इसमे आपका दोहरा चरित्र नहि कहा जायेगा . एक तरफ जिया उल हक की बिवी को 50 लाख रुपिया आठ दस नौकरी दिलवाने के लिये आन्दोलन करे और दुसरी तरफ मगरम्च्छो के जबडो पर तैनात सुरक्षा बलो के लिये सिर्फ शत शत नमन
जवाब देंहटाएं