
उदय
आम आदमी पार्टी का उदय भ्रष्टाचार के विरुद्ध संघर्षरत समाज सेवी अरविंद केजरीवाल एवं अन्ना हजारे के बीच वैचारिक भेद होने के बाद हुआ। वर्ष २०१२ में जब अन्ना हजारे के सहयोगीअरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन को राजनितिक मोड़ देने का निर्णय लिया तब अन्ना हजारे ने अरविंद केजरीवाल को उनका नाम, पहचान एवं उनके दल इंडिया अगेंस्ट करप्शन के नाम का उपयोग करने की मनाही कर दी।
पार्टी संरचना
इस पार्टी की संरचना भारत की अन्य राजनैतिक पार्टियों से थोड़ी अलग है। इस पार्टी ने अपने कामकाज के लिए कुछ मानक तय किये हैं -
- आम आदमी की पार्टी में कोई केंद्रीय आलाकमान नहीं होगा। परिषद के सदस्य ही कार्यकरिणी का चुनाव करेंगे, तथा उन्हें वापस भी बुलाने की शक्ति भी होगी ।
- इस पार्टी का कोई विधायक या सांसद अपने वाहनों पर लाल बत्ती या किसी अन्य चिन्ह का प्रयोग नहीं करेगा।
- इस पार्टी का कोई विधायक या सांसद किसी विशेष सुरक्षाबल का प्रयोग नहीं करेगा।
- कोई विधायक या सांसद किसी भी आलीशान सरकारी बंगले में नहीं रहेगा।
- किसी को चुनावी टिकट खरीदने की आवश्यकता नहीं होगी। उम्मीदवारों का चयन उसके क्षेत्र के लोगों द्वारा किया जाएगा।
- अपराधियों और गुंडों को कभी भी टिकट नहीं दिया जाएगा है। जाँच के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा की कि जिन व्यक्तियों का आपराधिक रिकॉर्ड है, या जिनके ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध हो चुके हैं ,उन्हें पार्टी से चुनाव लड़ने नहीं दिया जाए।
- यह पार्टी पूर्ण वित्तीय पारदर्शिता के साथ कार्य करेगी। दान के द्वारा एकत्रित हर एक पैसे का ब्यौरा पार्टी की वेबसाइट पर सार्वजनिक किया जाएगा। चुनावी खर्च को भी वेबसाइट पर घोषित किया जाएगा।
- आम आदमी पार्टी के हर सदस्य को शुद्ध आचरण तथा आंतरिक लोकपाल का पालन करना होगा। आंतरिक लोकपाल सार्वजनिक जीवन में स्वच्छ छवि रखने वाले प्रख्यात हस्तियों एवं न्यायमूर्तियों की एक स्वतंत्र समिति होगी।यह समिति पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार, अपराध, मादक द्रव्यों के सेवन और नैतिक अधमता के आरोपों की जांच करेगी। आम जनता पार्टी सदस्यों के खिलाफ सबूत पेश कर सकती है। यदि आंतरिक लोकपाल किसी पार्टी सदस्य को दोषी पाता है, वह उसपर यथोचित कार्रवाई करने का निर्णय ले सकता है।
- एक ही परिवार के दो सदस्य पार्टी से चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हैं। वे कार्यकरिणी के सदस्य भी नहीं बन सकते।
- अगर पार्टी जीतती है तो राइट टु रिजेक्ट कानून बनाया जायेगा जिसके अंतर्गत एक भ्रष्ट विधायक या सांसद को हटाने के लिए आम जनता को 5 साल के कार्यकाल के समाप्त होने की प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी। लोग किसी भी वक्त चुनाव आयोग से शिकायत दर्ज कर अपने प्रतिनिधि को वापस बुला सकते हैं और ताजा चुनाव के लिए आग्रह कर सकते है।
- आम आदमी पार्टी पूरी तरह से लिंग समानता के सिद्धांतों का समर्थन करती है, अतः पार्टी संगठन के सभी स्तरों महिलाओं और छात्रों का प्रतिनिधित्व करेगी।
- आम आदमी पार्टी न्याय के उच्च सिद्धांतो का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है, और पार्टी संगठन के सभी स्तरों पर समाज के दलित और अन्य अल्पसंख्यक वर्गों से सहयोजन करेगी।
nice.. aam aadmi party is the best...
जवाब देंहटाएंआम आदमी पार्टी का हाथ कांग्रेस के साथ..
जवाब देंहटाएंआम आदमी पार्टी का हाथ मुल्लो के साथ ये कोन लिखेगा..
आम आदमी पार्टी.. खुजलीवाल... मुर्दाबाद..
mr. raam siya change ur name nd ur profile pic...
हटाएंराम सिया जी आप अपनी पार्टी के संस्कार अपने तक ही सिमित रखे उसे सबको दिखने की कोई आवश्यकता नही..
हटाएंsale "ram siya"...chup rah. sale congrss ya bjp ke chamche apne ghar pe baith kar ulti ginti shuru kar de kyoki abki bar "aap" jitegi or India badlega.
हटाएंमुझे लगता है ये मनीष खुजलीवाल का कुत्ता है ...
हटाएंचिंता मत कर 2014 में मोदी जी को प्रधान मंत्री बनने दे..
तेरे जेसे सेकुलरो को मुल्लो के साथ रख के काटेंगे..हराम जादे..
जो हिन्दू हित का काज करेगा व्ही देश पर राज करेगा..
मोदी लाओ देश बचाव..'
खुजलीवाल मुल्लो का एजेंट है.
aam aadimiyo se vote mangne bhi aise hi aayega netao ka chmcha ram siya
हटाएंacha hota ram siya ji aap sonia gandhi ke ghar mein paida hote our italy mein rahte
हटाएंwe all with arvind kejriwal..
जवाब देंहटाएंraam siya u r supporter of corrupt people
खुजलीवाल ने कुछ रखेल भी रख रखी है.. अपनी पार्टी है..
जवाब देंहटाएंआम आदमी है ये लोग.. सालो खुजलीवाल के कुत्तो..
bjp supporters ki language wah waah waah..
जवाब देंहटाएंdesh ka bhala muslamano k g*** chat kar nai balki sabko sath lekar jane me hoga, jis ko khud k hindu hone pe he shram aate ho vo desh jisme hindu bahut h ko kya lekar chal paega
जवाब देंहटाएंc*** खुजलीवाल
भाजपाई चमचे अपनी संस्कृति अपनी पार्टी तक ही सिमित रखे हर जगह जाकर गालियाँ ना लिखे..
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