"कोलगेट" के बाद अब "गैसगेट" - भाजपा-कौंग्रेस, मुकेश अम्बानी की जेब में:
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आज सुबह से यही कयास लगाए जा रहे थे कि ना जाने किस नेता या मंत्री पर खुलासा होगा. पर यह क्या? इस बार देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों में से एक: मुकेश अम्बानी?
जी हाँ, इस बार मुकेश अम्बानी और उनकी कंपनी आर.आई.एल. आये हैं इण्डिया अगेंस्ट करप्शन की टीम के निशाने पे और वो भी ऑडियो टेप्स, को
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आज सुबह से यही कयास लगाए जा रहे थे कि ना जाने किस नेता या मंत्री पर खुलासा होगा. पर यह क्या? इस बार देश के सबसे बड़े उद्योगपतियों में से एक: मुकेश अम्बानी?
जी हाँ, इस बार मुकेश अम्बानी और उनकी कंपनी आर.आई.एल. आये हैं इण्डिया अगेंस्ट करप्शन की टीम के निशाने पे और वो भी ऑडियो टेप्स, को
र्ट रिकोर्ड्स, तथ्यों और सबूतों के साथ.
केजरीवाल ने सवाल उठाया कि 2001 से रिलांयस मनमानी करता आ रहा है। केजरीवाल ने कहा कि इस दबाव में एनडीए और यूपीए दोनों सरकारें आती रही हैं। रिलांयस ने 2000 में सवा दो डॉलर यूनिट के हिसाब से जिस गैस सप्लाई का वादा किया था उसके लिए दो साल बाद सवा 4 डॉलर मांग लिए और अब सवा 14 डॉलर मांग रही है। उन्होंने कहा कि सरकार रिलायंस की ये मांग पूरी भी कर रही है, जबकि रिलायंस अपने गैस कारोबार की ऑडिट करवाने को भी तैयार नहीं है। आखिर, सरकार ने रिलायंस का कॉन्ट्रेक्ट रद्द क्यों नहीं किया।
तब पूर्व पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी ने इसका विरोध किया तो उन्हें हटा दिया गया। यही नहीं रेड्डी ने रिलायंस पर 7000 करोड़ की पैनल्टी की बात भी कही थी, जिसके बाद उनके साथ क्या हुआ सब जानते हैं। उन्हें ईमानदारी की सजा सुना दी गई। यही नहीं, रिलायंस ने ब्लैकमेलिंग करके गैस का उत्पादन घटा दिया और उसकी मनमानी से गैस पर आधारित कई प्लांट बंद हुए।
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि रिलायंस का विरोध करने पर ही मणिशंकर अय्यर भी हटाए गए। उनके बाद आए मुरली देवड़ा ने रिलायंस के सभी कॉन्ट्रेक्ट बिना किसी परेशानी के पास किए। यही नहीं सीएजी ने भी रिलायंस के सौदों पर गंभीर सवाल उठाए थे, जिस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि देश को मुकेश अंबानी चला रहे हैं।
इसके साथ टीम केजरीवाल ने आरोप लगाया कि कैबिनेट गठन में नीरा राडिया दखल दे रही थीं और अपने दावे की पुष्टि में उन्होंने राडिया और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के दामाद रंजन भट्टाचार्य की बातचीत का ऑडियो टेप भी सुनाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
केजरीवाल ने अंत में कहा कि रिलांयस से गैस का ठेका वापस लेना चाहिए ताकि देश को अधिक से अधिक गैस कम कीमत में मिल सके।
केजरीवाल के सवाल
1− सरकार कौन चला रहा है। ऐसा लगता है टेलीकॉम कंपनियां अपनी पसंद का दूरसंचार मंत्री और आरआईएल अपनी पसंद का पेट्रोलियम मंत्री चुन रही हैं।
2− क्या सरकार को ताकतवर औद्योगिक घराने चला रहे हैं।
3− क्या मनमोहन सिंह किसी मजबूरी में औद्योगिक घरानों के हाथ में खेल रहे हैं या अनदेखी कर रहे हैं। अगर कोई मजबूरी है तो वह क्या है?
केजरीवाल की मांग
1− आरआईएल की ब्लैकमेलिंग तुरंत बंद हो।
2− आरआईएल के साथ केजी बेसिन का करार रद्द हो।
3−सरकार केजी बेसिन से पर्याप्त और सस्ती गैस के उत्पादन की तत्काल व्यवस्था करे।
केजरीवाल ने सवाल उठाया कि 2001 से रिलांयस मनमानी करता आ रहा है। केजरीवाल ने कहा कि इस दबाव में एनडीए और यूपीए दोनों सरकारें आती रही हैं। रिलांयस ने 2000 में सवा दो डॉलर यूनिट के हिसाब से जिस गैस सप्लाई का वादा किया था उसके लिए दो साल बाद सवा 4 डॉलर मांग लिए और अब सवा 14 डॉलर मांग रही है। उन्होंने कहा कि सरकार रिलायंस की ये मांग पूरी भी कर रही है, जबकि रिलायंस अपने गैस कारोबार की ऑडिट करवाने को भी तैयार नहीं है। आखिर, सरकार ने रिलायंस का कॉन्ट्रेक्ट रद्द क्यों नहीं किया।
तब पूर्व पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी ने इसका विरोध किया तो उन्हें हटा दिया गया। यही नहीं रेड्डी ने रिलायंस पर 7000 करोड़ की पैनल्टी की बात भी कही थी, जिसके बाद उनके साथ क्या हुआ सब जानते हैं। उन्हें ईमानदारी की सजा सुना दी गई। यही नहीं, रिलायंस ने ब्लैकमेलिंग करके गैस का उत्पादन घटा दिया और उसकी मनमानी से गैस पर आधारित कई प्लांट बंद हुए।
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि रिलायंस का विरोध करने पर ही मणिशंकर अय्यर भी हटाए गए। उनके बाद आए मुरली देवड़ा ने रिलायंस के सभी कॉन्ट्रेक्ट बिना किसी परेशानी के पास किए। यही नहीं सीएजी ने भी रिलायंस के सौदों पर गंभीर सवाल उठाए थे, जिस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है कि देश को मुकेश अंबानी चला रहे हैं।
इसके साथ टीम केजरीवाल ने आरोप लगाया कि कैबिनेट गठन में नीरा राडिया दखल दे रही थीं और अपने दावे की पुष्टि में उन्होंने राडिया और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के दामाद रंजन भट्टाचार्य की बातचीत का ऑडियो टेप भी सुनाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और बीजेपी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
केजरीवाल ने अंत में कहा कि रिलांयस से गैस का ठेका वापस लेना चाहिए ताकि देश को अधिक से अधिक गैस कम कीमत में मिल सके।
केजरीवाल के सवाल
1− सरकार कौन चला रहा है। ऐसा लगता है टेलीकॉम कंपनियां अपनी पसंद का दूरसंचार मंत्री और आरआईएल अपनी पसंद का पेट्रोलियम मंत्री चुन रही हैं।
2− क्या सरकार को ताकतवर औद्योगिक घराने चला रहे हैं।
3− क्या मनमोहन सिंह किसी मजबूरी में औद्योगिक घरानों के हाथ में खेल रहे हैं या अनदेखी कर रहे हैं। अगर कोई मजबूरी है तो वह क्या है?
केजरीवाल की मांग
1− आरआईएल की ब्लैकमेलिंग तुरंत बंद हो।
2− आरआईएल के साथ केजी बेसिन का करार रद्द हो।
3−सरकार केजी बेसिन से पर्याप्त और सस्ती गैस के उत्पादन की तत्काल व्यवस्था करे।
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