राजनीतिक दल बनाने के मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल से गंभीर मतभेदों के बाद अन्ना हज़ारे ने शनिवार को तय किया कि वे अपनी 'कोर-टीम' का नये सिरे से गठन करेंगे जिसे एक महीने
पहले भंग कर दिया गया था.
अन्ना की करीबी सहयोगी किरण बेदी ने शनिवार को नई दिल्ली में कहा कि नई टीम में ऐसे लोग होंगे जो भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम को आगे ले जाने में सहायक होंगे.
किरण बेदी ने कहा, ''अन्ना को नई टीम के लिए ऐसे लोगों की तलाश है जो अपने स्वभाव से ही सुधारवादी हैं, फिर वो चाहें सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी हों, कार्पोरेट या कला जगत से जुड़े लोग हों.''
उन्होंने कुछ ऐसे लोगों के नाम भी बताए जिन्हें अन्ना हज़ारे अपनी 'कोर-टीम' में शामिल करना चाहेंगे. इनमें पहला नाम पूर्व थल सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह का है जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान ही भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया था.
दूसरा नाम उत्तरप्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक प्रकाश सिंह का है जिन्होंने पुलिस व्यवस्था को राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त कराने के लिए जनहित याचिका दाखिल की है.
थिंक टैंक और ट्रस्ट की शक्ल
किरण बेदी का कहना है कि टीम अन्ना का आंदोलन अब पहले की तरह नहीं होगा, इसका ट्रस्ट की शक्ल में रजिस्ट्रेशन होगा. उन्होंने बताया कि रालेगण-सिद्धी में इसका मुख्यालय होगा और इसके अन्य केंद्र भी होंगे.
उन्होंने कहा, ''ये आंदोलन अब नीति-निर्माण पर थिंक-टैंक की तरह कार्य करेगा.'' उन्होंने अतीत से मिले सबक को इन परिवर्तनों की वजह बताया.
जिन अन्य लोगों को टीम से जोड़ने के लिए अन्ना ने सम्पर्क साधा है, उनमें पीवी राजगोपाल, राजेंद्र सिंह, मिन्हास मर्चेंट और पूर्व नौकरशाह भूरे लाल के नाम शामिल हैं. किरण बेदी ने बताया कि अन्ना नए सदस्यों के साथ अपनी पहली कोर-मीटिंग 24 और 25 नवम्बर को रालेगण-सिद्धी में करेंगे.
अन्ना की करीबी सहयोगी किरण बेदी ने शनिवार को नई दिल्ली में कहा कि नई टीम में ऐसे लोग होंगे जो भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम को आगे ले जाने में सहायक होंगे.
किरण बेदी ने कहा, ''अन्ना को नई टीम के लिए ऐसे लोगों की तलाश है जो अपने स्वभाव से ही सुधारवादी हैं, फिर वो चाहें सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी हों, कार्पोरेट या कला जगत से जुड़े लोग हों.''
उन्होंने कुछ ऐसे लोगों के नाम भी बताए जिन्हें अन्ना हज़ारे अपनी 'कोर-टीम' में शामिल करना चाहेंगे. इनमें पहला नाम पूर्व थल सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह का है जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान ही भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया था.
दूसरा नाम उत्तरप्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक प्रकाश सिंह का है जिन्होंने पुलिस व्यवस्था को राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त कराने के लिए जनहित याचिका दाखिल की है.
थिंक टैंक और ट्रस्ट की शक्ल
किरण बेदी का कहना है कि टीम अन्ना का आंदोलन अब पहले की तरह नहीं होगा, इसका ट्रस्ट की शक्ल में रजिस्ट्रेशन होगा. उन्होंने बताया कि रालेगण-सिद्धी में इसका मुख्यालय होगा और इसके अन्य केंद्र भी होंगे.
उन्होंने कहा, ''ये आंदोलन अब नीति-निर्माण पर थिंक-टैंक की तरह कार्य करेगा.'' उन्होंने अतीत से मिले सबक को इन परिवर्तनों की वजह बताया.
जिन अन्य लोगों को टीम से जोड़ने के लिए अन्ना ने सम्पर्क साधा है, उनमें पीवी राजगोपाल, राजेंद्र सिंह, मिन्हास मर्चेंट और पूर्व नौकरशाह भूरे लाल के नाम शामिल हैं. किरण बेदी ने बताया कि अन्ना नए सदस्यों के साथ अपनी पहली कोर-मीटिंग 24 और 25 नवम्बर को रालेगण-सिद्धी में करेंगे.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें