कल भाजपा के कई नेताओं को टीवी पर रोबर्ट वाड्रा के घोटाले का खुलासा करने के लिए मीडिया का धन्यवाद देते हुआ सुना गया.
ये वही नेता हैं जो अरविन्द केजरीवाल द्वारा वाड्रा का खुलासा किये जाने पर चुप्पी साधे बैठे रहे और दिग्विजय सिंह इनकी चुप्पी का कारण कांग्रेस द्वारा रंजन भट्टाचार्य के खिलाफ कुछ ना बोलना बताकर अरविन्द को भी कुछ ना बोलने की नसीहत देते रहे.
लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ का हम भी सम्मान करते हैं पर राजनितिक पार्टियों का ये दोहरा चरित्र कब तक बर्दाश्त किया जायेगा?
ये वही नेता हैं जो अरविन्द केजरीवाल द्वारा वाड्रा का खुलासा किये जाने पर चुप्पी साधे बैठे रहे और दिग्विजय सिंह इनकी चुप्पी का कारण कांग्रेस द्वारा रंजन भट्टाचार्य के खिलाफ कुछ ना बोलना बताकर अरविन्द को भी कुछ ना बोलने की नसीहत देते रहे.
लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ का हम भी सम्मान करते हैं पर राजनितिक पार्टियों का ये दोहरा चरित्र कब तक बर्दाश्त किया जायेगा?
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