सुनो द्रोपदी शस्त्र उठा लो, अब गोविंद ना आएंगे ,
छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो , खुद ही अपना चीर बचा लो ,
द्यूत बिछाए बैठे शकुनि , ... मस्तक सब बिक जाएंगे ,
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे |
कब तक आस लगाओगी तुम, बिक़े हुए अखबारों से,
कैसी रक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों से ,
स्वयं जो लज्जा हीन पड़े हैं, वे क्या लाज बचाएंगे ,
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंगे |
कल तक केवल अंधा राजा, अब गूंगा-बहरा भी है ,
होंठ सिल दिए हैं जनता के, कानों पर पहरा भी है ,
तुम ही कहो ये अश्रु तुम्हारे, किसको क्या समझाएंगे?
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे ||
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाये....?????
क्रन्तिकारी आम आदमी द्वारा....
छोड़ो मेहंदी खड़ग संभालो , खुद ही अपना चीर बचा लो ,
द्यूत बिछाए बैठे शकुनि , ... मस्तक सब बिक जाएंगे ,
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे |
कब तक आस लगाओगी तुम, बिक़े हुए अखबारों से,
कैसी रक्षा मांग रही हो दुशासन दरबारों से ,
स्वयं जो लज्जा हीन पड़े हैं, वे क्या लाज बचाएंगे ,
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो अब गोविंद ना आएंगे |
कल तक केवल अंधा राजा, अब गूंगा-बहरा भी है ,
होंठ सिल दिए हैं जनता के, कानों पर पहरा भी है ,
तुम ही कहो ये अश्रु तुम्हारे, किसको क्या समझाएंगे?
सुनो द्रोपदी शस्त्र उठालो, अब गोविंद ना आएंगे ||
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाये....?????
क्रन्तिकारी आम आदमी द्वारा....
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