आज तक...
सियासत के मंच पर सोमवार को एक नई पार्टी का औपचारिक जन्म हो गया. नाम रखा गया आम आदमी पार्टी. सोमवार को तो आम लोगों के साथ इस पार्टी का बैठक हुई, लेकिन आम लोगों तक पहुंचने के लिए मंगलवार को खास लोग मंथन करने वाले हैं. केजरीवाल पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मंगलवार को बैठक होगी.
आवाज आम आदमी के नाम की लगाई जा रही है. सियासत तो सभी आम लोगों के नाम पर ही करते हैं. लेकिन, अरविंद केजरीवाल ने अपनी सियासी हसरतों को नाम भी आम आदमी का ही दे दिया है. सबकुछ सियासी पार्टियों जैसा ही, वही नारेबाजी, वही शोर-शराबा, वही ढोल-धमाका. लेकिन, आम आदमी की इस पार्टी में भी बड़े-छोटे का लिहाज है.
केजरीवाल की टीम ने खुद ही तय कर लिया है कि देश का सबसे बड़ा आम आदमी अरविंद केजरीवाल ही हैं. खैर, सियासत में तो ऐसे जुमले फेंके ही जाते हैं. तो नौकरशाह से सियासतदान बने अरविंद केजरीवाल भी मंच से सियासी बाण छोड़ना नहीं भूले. तरकश में हर पार्टी के लिए तीर रखे हुए थे.
आम आदमी पार्टी खड़ी हो गई. लाइट्स ऑन थे, कैमरा चालू था, एक्शन भी जमकर हुआ. पार्टी को चलाने के नाम पर चैरिटी भी हुई. वरिष्ठ वकील शांति भूषण ने 1 करोड़ का चंदा दिया. कुमार विश्वास ने पार्टी दफ्तर के लिए अपना घर दान कर दिया. समर्थकों में से भी कईयों ने अपने घर में पार्टी दफ्तर खोलने का भरोसा दिया, कुछ ने दिल से आम आदमी पार्टी को आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाया.
सोमवार को पार्टी की पहली रैली हुई, जमकर भीड़ जुटी तो पार्टी नेताओं के हौसले बुलंद हो गए. आम आदमी की टोपी से लैस कार्यकर्ताओं ने भी केजरीवाल को ताकत दी. वैसे तो पार्टी में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष जैसे पद नहीं हैं.
फिर भी संचालन के लिए नियम कायदे बनाए गए हैं, जिसके तहत आम आदमी पार्टी का कोई अध्यक्ष, उपाध्यक्ष नहीं होगा, 30 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी के जिम्मे होगी पार्टी और अरविंद केजरीवाल होंगे पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक. भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग के नाम पर नई सियासत की दशा और दिशा क्या होगी, ये मंगलवार को ही तय किया जाना है.
टारगेट पर कांग्रेस होगी या फिर बीजेपी. दोनों पर निशाना साधकर पार्टी आगे कैसे बढ़ेगी. तमाम मुद्दे हैं और केजरीवाल और पार्टी को इन्हीं सब पर फैसला लेना है. सियासत के समर में केजरीवाल क्या तीर मारेंगे, ये तो आने वाले दिन ही बताएंगे.
सियासत के मंच पर सोमवार को एक नई पार्टी का औपचारिक जन्म हो गया. नाम रखा गया आम आदमी पार्टी. सोमवार को तो आम लोगों के साथ इस पार्टी का बैठक हुई, लेकिन आम लोगों तक पहुंचने के लिए मंगलवार को खास लोग मंथन करने वाले हैं. केजरीवाल पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की मंगलवार को बैठक होगी.
आवाज आम आदमी के नाम की लगाई जा रही है. सियासत तो सभी आम लोगों के नाम पर ही करते हैं. लेकिन, अरविंद केजरीवाल ने अपनी सियासी हसरतों को नाम भी आम आदमी का ही दे दिया है. सबकुछ सियासी पार्टियों जैसा ही, वही नारेबाजी, वही शोर-शराबा, वही ढोल-धमाका. लेकिन, आम आदमी की इस पार्टी में भी बड़े-छोटे का लिहाज है.
केजरीवाल की टीम ने खुद ही तय कर लिया है कि देश का सबसे बड़ा आम आदमी अरविंद केजरीवाल ही हैं. खैर, सियासत में तो ऐसे जुमले फेंके ही जाते हैं. तो नौकरशाह से सियासतदान बने अरविंद केजरीवाल भी मंच से सियासी बाण छोड़ना नहीं भूले. तरकश में हर पार्टी के लिए तीर रखे हुए थे.
आम आदमी पार्टी खड़ी हो गई. लाइट्स ऑन थे, कैमरा चालू था, एक्शन भी जमकर हुआ. पार्टी को चलाने के नाम पर चैरिटी भी हुई. वरिष्ठ वकील शांति भूषण ने 1 करोड़ का चंदा दिया. कुमार विश्वास ने पार्टी दफ्तर के लिए अपना घर दान कर दिया. समर्थकों में से भी कईयों ने अपने घर में पार्टी दफ्तर खोलने का भरोसा दिया, कुछ ने दिल से आम आदमी पार्टी को आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाया.
सोमवार को पार्टी की पहली रैली हुई, जमकर भीड़ जुटी तो पार्टी नेताओं के हौसले बुलंद हो गए. आम आदमी की टोपी से लैस कार्यकर्ताओं ने भी केजरीवाल को ताकत दी. वैसे तो पार्टी में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष जैसे पद नहीं हैं.
फिर भी संचालन के लिए नियम कायदे बनाए गए हैं, जिसके तहत आम आदमी पार्टी का कोई अध्यक्ष, उपाध्यक्ष नहीं होगा, 30 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी के जिम्मे होगी पार्टी और अरविंद केजरीवाल होंगे पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक. भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग के नाम पर नई सियासत की दशा और दिशा क्या होगी, ये मंगलवार को ही तय किया जाना है.
टारगेट पर कांग्रेस होगी या फिर बीजेपी. दोनों पर निशाना साधकर पार्टी आगे कैसे बढ़ेगी. तमाम मुद्दे हैं और केजरीवाल और पार्टी को इन्हीं सब पर फैसला लेना है. सियासत के समर में केजरीवाल क्या तीर मारेंगे, ये तो आने वाले दिन ही बताएंगे.
arvind bhai ka smrthn hm antim pag tk krenge..
जवाब देंहटाएंaap zindabad
aam admi ki ek hi aavaj abki baar arvind bne desh ka prdhan mntri
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