जिस दिन हमे जवाँ से निकले शब्दों और दिल से निकले शब्दों के अंतर का पता
चल जाया हमे सवराज मिल जायेगा ,
ये सच है की शब्द तो सारे ही जवाँ से ही निकलते है मगर कुछ दिल से तो कुछ
दिमाग से निकलते है ,दिल से निकले शब्द हमेशा सच्चे होते हैं और दिमाग से
चल जाया हमे सवराज मिल जायेगा ,
ये सच है की शब्द तो सारे ही जवाँ से ही निकलते है मगर कुछ दिल से तो कुछ
दिमाग से निकलते है ,दिल से निकले शब्द हमेशा सच्चे होते हैं और दिमाग से
निकले वाले शब्द वक़्त ,मजबूरी ,स्वार्थ ,फायदा नुकसान देख कर नकलते है
,जैसे जब कोई पत्रकार किसी नेता से सवाल जवाब करता है तो नेता सिर्फ उन
सवालों के जवाब देता है जो उसकी और उसकी पार्टी की सेहत के लिए ठीक हों
बाकि सभी पर टालमटोल कर जाता है
100 में से शायद ही कोई एक नेता हो जो दिल से किसी सवाल का जवाब देता हो ,
पिछले 2 साल में हमने अन्ना जी और अरविन्द जी की बहुत सारी पत्रकारों से
बाचीत सुनी और देखि है ,अन्ना हमेशा ही दिल से हर सवाल का जवाब देते है ,
कुछ दिन पहले एक पत्रकार ने उनसे अरविन्द के बारे में सवाल पुछा ,क्या
अरविन्द पैसे का लालची है , अन्ना का जवाब था नहीं बिलकुल नहीं ,फिर
पत्रकार ने पुछा क्या अरविन्द सत्ता का लालची है ,अन्ना का जवाब था मुझे
नहीं लगता फिर अन्ना बोले पता नहीं पत्रकार ने फिर पुछा क्या हो सकता है
अन्ना बोले पता नहीं हो सकता है ,अन्ना का दिल जो कहता था वो तो पत्रकार
के सवाल पूछते ही बोला मुझे नहीं लगता ,ऐसे ही अरविन्द जब बोलते हैं तो
पता लगता है की वो दिल से बोल रहे हैं ,
अब नेताओ बात कर लो वो बोल तो बहुत कुछ जाते हैं मगर करते कुछ भी नहीं
क्युकी उनका एक भी शब्द दिल से नहीं निकला होता, अब आप ही बताओ जब कोई
नेता किसी की लिखी होई बाते देश और जनता के सामने सिर्फ पड़ कर बोल देगा
तो बताओ वो काम क्या करेगा ,जब उसे ही नहीं याद की घंटा पहले मैंने जनता
से क्या वादे किये है तो काम क्या खाक होगा ,
मैं नहीं कहता आप किस का साथ दें ,मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूँ अब जब
भी आप किसी को सुने तो उसे देखे भी ,उसका बोलने का अंदाज देखे आप को पता
चल जायेगा वो कुछ करना भी चाहता है या सिर्फ बोल रहा है ,दिल और दिमाग की
बात पह्चान्ने की कोशिश करे , जब वो देश के दर्द की बात करे तो आँखों में
देखे क्युकी जिसे सच में देश की चिंता होगी दर्द उसकी आँखों में दिखेगा ,
सच तो ये भी है ' सच बोलने वाले का सच और झूठ बोलने वाले का झूठ उसके
चेहरे से पड़ा जा सकता है ,बस पड़ने वाली आँख चाहिए , जय हिन्द
सच और झूठ को परखने वाली आँख हम सब में है बस पड़ना सीखना है ,
भ्रीष्टाचार और अतियाचार से लड़ने की ताकत हम सब में है बस अब लड़ना सीखना
है , जय हिन्द
कल नहीं आज चाहिए ,आम आदमी (AAP) को सवराज चाहिए ,
ज्यादा से ज्यादा शेयर कीजिये , अपने मित्रों को टैग कीजिये ,
आप का दिल जो कह रहा है वो मैं लिख रहा हूँ ,मेरा दिल जो कह रहा है वो आप
पड़ रहे है,
सच लगे तो इस पेज को पड़े अपने दोस्तों से शेयर करे , जय हिंद
,जैसे जब कोई पत्रकार किसी नेता से सवाल जवाब करता है तो नेता सिर्फ उन
सवालों के जवाब देता है जो उसकी और उसकी पार्टी की सेहत के लिए ठीक हों
बाकि सभी पर टालमटोल कर जाता है
100 में से शायद ही कोई एक नेता हो जो दिल से किसी सवाल का जवाब देता हो ,
पिछले 2 साल में हमने अन्ना जी और अरविन्द जी की बहुत सारी पत्रकारों से
बाचीत सुनी और देखि है ,अन्ना हमेशा ही दिल से हर सवाल का जवाब देते है ,
कुछ दिन पहले एक पत्रकार ने उनसे अरविन्द के बारे में सवाल पुछा ,क्या
अरविन्द पैसे का लालची है , अन्ना का जवाब था नहीं बिलकुल नहीं ,फिर
पत्रकार ने पुछा क्या अरविन्द सत्ता का लालची है ,अन्ना का जवाब था मुझे
नहीं लगता फिर अन्ना बोले पता नहीं पत्रकार ने फिर पुछा क्या हो सकता है
अन्ना बोले पता नहीं हो सकता है ,अन्ना का दिल जो कहता था वो तो पत्रकार
के सवाल पूछते ही बोला मुझे नहीं लगता ,ऐसे ही अरविन्द जब बोलते हैं तो
पता लगता है की वो दिल से बोल रहे हैं ,
अब नेताओ बात कर लो वो बोल तो बहुत कुछ जाते हैं मगर करते कुछ भी नहीं
क्युकी उनका एक भी शब्द दिल से नहीं निकला होता, अब आप ही बताओ जब कोई
नेता किसी की लिखी होई बाते देश और जनता के सामने सिर्फ पड़ कर बोल देगा
तो बताओ वो काम क्या करेगा ,जब उसे ही नहीं याद की घंटा पहले मैंने जनता
से क्या वादे किये है तो काम क्या खाक होगा ,
मैं नहीं कहता आप किस का साथ दें ,मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूँ अब जब
भी आप किसी को सुने तो उसे देखे भी ,उसका बोलने का अंदाज देखे आप को पता
चल जायेगा वो कुछ करना भी चाहता है या सिर्फ बोल रहा है ,दिल और दिमाग की
बात पह्चान्ने की कोशिश करे , जब वो देश के दर्द की बात करे तो आँखों में
देखे क्युकी जिसे सच में देश की चिंता होगी दर्द उसकी आँखों में दिखेगा ,
सच तो ये भी है ' सच बोलने वाले का सच और झूठ बोलने वाले का झूठ उसके
चेहरे से पड़ा जा सकता है ,बस पड़ने वाली आँख चाहिए , जय हिन्द
सच और झूठ को परखने वाली आँख हम सब में है बस पड़ना सीखना है ,
भ्रीष्टाचार और अतियाचार से लड़ने की ताकत हम सब में है बस अब लड़ना सीखना
है , जय हिन्द
कल नहीं आज चाहिए ,आम आदमी (AAP) को सवराज चाहिए ,
ज्यादा से ज्यादा शेयर कीजिये , अपने मित्रों को टैग कीजिये ,
आप का दिल जो कह रहा है वो मैं लिख रहा हूँ ,मेरा दिल जो कह रहा है वो आप
पड़ रहे है,
सच लगे तो इस पेज को पड़े अपने दोस्तों से शेयर करे , जय हिंद
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