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मंगलवार, 27 नवंबर 2012

इंसाफ के लिए SC पहुंचे करगिल हीरो के पिता

चंडीगढ़।। करगिल वॉर के दौरान कैप्टन सौरभ कालिया व उनके 5 साथियों के साथ पाकिस्तानी सेना के अमानवीय व्यवहार का केस अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। शहीद कैप्टन सौरभ को इंसाफ दिलाने के लिए 13 साल से लड़ रहे उनके रिटायर्ड साइंटिस्ट पिता एन. के. कालिया ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए गुहार लगाई है कि वह सरकार को इस मामले को इंटरनैशनल जुडिशल फोरम में उठाने का निर्देश दे। कोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर लिया है।


याचिका में के डॉ. एन.के कालिया ने मांग की है कि विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) से मांग करे कि वह कैप्टन कालिया पर पाकिस्तान में किए गए अत्याचार का खुलासा करे। डॉ. कालिया बेटे को इंसाफ दिलाने के लिए रक्षा मंत्रालय, सेना मुख्यालय और पीएम ऑफिस के 13 सालों से चक्कर काट रहे हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तान ने जिनीवा कन्वेंशन का उल्लंघन किया है। भारत सरकार इन शहीदों के साथ हुए अमानवीय व्यवहार को पाकिस्तान व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने में विफल रही है। ऐसे में वे लोगों के सहयोग से इस लड़ाई को जारी रखे हुए हैं। अब तक डेढ़ लाख लोगों ने ई-मेल कर उन्हें इस लड़ाई में अपना नैतिक समर्थन दिया है, जबकि लगभग 43 हजार लोगों ने पत्र लिख उन्हें इस बारे में अपना सहयोग दिया है।

22 दिनों तक दी थीं अमानवीय यातनाएं: 4 जाट रेजिमेंट में कमिशन मिलने के ठीक बाद कैप्टन सौरभ कालिया को करगिल में पोस्टिंग दी गई थी। मई 1999 में कैप्टन सौरभ कालिया अपने 5 साथियों अर्जुन राम, भंवर लाल, भीखाराम, मूला राम व नरेश सिंह के साथ गश्त पर गए थे। 15 मई, 1999 को पाक सेना ने इन्हें बंदी बना लिया तथा 22 दिनों तक अमानवीय यातनाएं दीं। यहां तक कि इन वीरों के अंग-भंग कर डाले तथा शरीर को गर्म सरिये व सिगरेट से दागा गया। पाकिस्तान ने 9 जून, 1999 को इन शहीदों के शव भारतीय अधिकारियों को सौंपे।

4 टिप्‍पणियां:

  1. bhart srkar ko pakistan par dbab bnana chahiye is msle par.. bahut buri khbr hai ye.

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  2. allah maaf nhi krega aise drindo ko...

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  3. pakistan murdabad...

    pakistan ne apni asliyt dikha hi di..

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  4. देश के शहीदों का अपमान ना हो.. देश की सरकार हस्तक्षेप करे. तुरन्ते मामले में..
    पाकिस्तनी सरकार पर दबाब बनाया जाए..

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