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शुक्रवार, 15 मार्च 2013

दिल्ली सरकर और जल बोर्ड जादूगर हो गये है!

दिल्ली सरकार और जल बोर्ड ऐसे जादूगर हो गए है, कि क्या कहें ! आम आदमी ने भी शायद अब इन कारनामो पर रोने की जगह हँसना सीख लिया है ! ये शीला जी का ही तो मैजिक है कि 90 मीलियन गैलन कच्चा पानी डालो तो 140 मिलियन गैलन पानी बाहर आता है ! हद तो तब हो गयी जब एक बेचारे देहाड़ी मजदूर जो सरकार की कृपा से एक वक़्त का खाना जुटा ले वो ही बहुत,जिनके पानी के बर्तन सूखे पड़े हैं, का पानी का बिल 51,000 आया ! दिल्ली में जहाँ बड़ी बड़ी कॉलोनी में 2 वक़्त पानी की सप्लाई नही होती, वहां एक झुग्गी बस्ती में, एक देहाड़ी मजदूर की झुग्गी में में कितना पानी जाता होगा, इसका अंदाज़ा लगाना मुश्किल नही है ! सरकार और जलबोर्ड की मिलीभगत से हो रहे भ्रष्टाचार की कीमत मासूम जनता से वसूली जा रही है ! लगता है शीला जी ने स्पेशल 26 की कहानी के मूल मन्त्र "आखिरी बड़ा हाथ" को कुछ ज्यादा ही गंभीरता से ले लिया है !! जाने से पहले दोनों हाथ शिद्दत से वसूली में लगे हैं !
Photo: दिल्ली सरकार और जल बोर्ड ऐसे जादूगर हो गए है, कि क्या कहें ! आम आदमी ने भी शायद अब इन कारनामो पर रोने की जगह हँसना सीख लिया है ! ये शीला जी का ही तो मैजिक है कि 90 मीलियन गैलन कच्चा पानी डालो तो 140 मिलियन गैलन पानी बाहर आता है ! हद तो तब हो गयी जब एक बेचारे देहाड़ी मजदूर जो सरकार की कृपा से एक वक़्त का खाना जुटा ले वो ही बहुत,जिनके पानी के बर्तन सूखे पड़े हैं, का पानी का बिल 51,000 आया ! दिल्ली में जहाँ बड़ी बड़ी कॉलोनी में 2 वक़्त पानी की सप्लाई नही होती, वहां एक झुग्गी बस्ती में, एक देहाड़ी मजदूर की झुग्गी में में कितना पानी जाता होगा, इसका अंदाज़ा लगाना मुश्किल नही है ! सरकार और जलबोर्ड की मिलीभगत से हो रहे भ्रष्टाचार की कीमत मासूम जनता से वसूली जा रही है ! लगता है शीला जी ने स्पेशल 26 की कहानी के मूल मन्त्र "आखिरी बड़ा हाथ" को कुछ ज्यादा ही गंभीरता से ले लिया है !! जाने से पहले दोनों हाथ शिद्दत से वसूली में लगे हैं !

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