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शनिवार, 2 मार्च 2013

दिल्ली में बिजली महंगी करने के लिए एक और बड़ा षड्यंत्र:-Arvind Kejriwal

दिल्ली में बिजली महंगी करने के लिए एक और बड़ा षड्यंत्र रचा जा रहा है !! मुख्यमंत्री शीला दिक्षित बिजली कम्पनियों के साथ मिलकर एक बार फिर दिल्ली के बिजली उपभोक्ताओं पर गाज गिराने की तैयारी कर रही है !! इसके लिए शीला दिक्षित,बिजली कंपनियों,DERC,और केंद्र सरकार के बीच बाकायदा मैच फिक्सिंग हो चुकी है !! माहौल बनाया जा रहा है कि दिल्ली में बिजली को लेकर त्राहि-त्राहि मचे और दिल्ली की परेशान जनता महंगी बिजली खरीदने को तैयार हो जाए !!

इस मैच फिक्सिंग को हाल की कई घटनाओं से समझा जा सकता है !! केंद्र सरकार ने मंगलवार रात से दिल्ली को 400 मेगावाट बिजली आपूर्ति रोक दी है , जिसकी वजह से पूर्वी और दक्षिणी दिल्ली में बिजली कटौती शुरू हो गयी है !! बताया जा रहा है कि दिल्ली की बिजली कंपनियों ने एनटीपीसी सहित कई बिजली उत्पादन कंपनियों को भुगतान नही किया है !! बिजली के निजीकरण के बाद से पिछले 11 साल में ऐसा पहली बार हुआ है !!

यह गर्मी से पहले दिल्ली में बिजली की त्राहि त्राहि मचाने के षड्यंत्र का ही हिस्सा है !! यह षड्यंत्र जनवरी में ही रच लिया गया था !! 1 फरवरी को DERC ने शीला दिक्षित को चिट्ठी लिखी कि बिजली कम्पनियों को 20,000 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है !! DERC ने एक कदम आगे बढ़ते हुए शीला दिक्षित को समाधान भी सुझा दिया था कि केंद्र सरकार की फलां फलां योजना के तहत आप इन कम्पनियों के लिए मदद ले लीजिये !!षड्यंत्र का इशारा इसी से मिलता है !! शीला दिक्षित तो मानो इंतज़ार ही कर रही थी , वे अगले ही दिन केंद्र सरकार के पास पहुँच गयी !! केंद्र सरकार ने भी तुरंत इस पर प्रस्ताव मांग लिया !!

इसी कड़ी में DERC के चेयरमैन सुधाकर ने बिजली कम्पनियों को ऑडिट कमेटी बनाकर अपना ऑडिट करा लेने की सलाह दी है !! आश्चर्य की बात है, कि DERC या शीला दिक्षित सरकार इन कम्पनियों की सीएजी ऑडिट नही करा रहे हैं ! लेकिन अब इन्हें अपना अपना ऑडिटर खुद नियुक्त करने की सलाह दे रहे हैं !! सुधाकर साहब का तर्क यह है कि "यह ऑडिट केंद्र सरकार की योजनाओं से मिलने वाली मदद के लिए महत्वपूर्ण होगा "!!

सवाल यह उठता है कि सुधाकर साहब पहले से जानते हैं कि केंद्र सरकार बिजली कम्पनियों की मदद करने वाली है ? क्या उनका यह आदेश मैच फिक्सिंग का एक हिस्सा है? DERC का बिजली कम्पनियों को अपना ऑडिटर नियुक्त करने का आदेश , शीला दिक्षित को केंद्र सरकार से 20,000 करोड़ रुपए लेकर इन बिजली कम्पनियों को देने की सलाह ,और अब दिल्ली में बिजली की भारी कटौती , ये सब एक ही षड्यंत्र का हिस्सा है !! सरकारें मिलकर बिजली कम्पनियों को फायदा पहुँचाने के लिए जनता को ब्लैकमेल करने की तैयारी कर रही हैं !! सरकार अगर फर्जी घाटे को पूरा करने में मदद के बहाने इन कम्पनियों को 20,000 करोड़ रुपए की मदद देती है , तो इसका बोझ आखिरकार जनता पर ही पड़ेगा !! दिल्ली में लगभग 35 लाख बिजली कनेक्शन हैं , या तो इन 35 लाख घरों पर प्रति परिवार 5,000 रुपए का बोझ बढेगा या फिर सरकार को टैक्स बढ़ाना पड़ेगा !! दिल्ली की सरकार को तय करना है,इसे रोकने के लिए क्या किया जाए !!


 Arvind Kejriwal

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