दिसम्बर
में जब एक तरफ दामिनी जिंदगी मौत के बीच झूल रही थी, दूसरी ओर क्रांतिकारी
ज़ज्बे से लबरेज युवा,बच्चे,बूढ़े, इंडिया गेट पर पुलिस की लाठियों, आंसू
गैस के गोलों के बीच दामिनी को इन्साफ दिलाने के लिए जूझ रहे थे, तभी
प्रदर्शन के दौरान पहले से ही इस बीमारी से जूझ रहे दिल्ली पुलिस के सिपाही
श्री सुभाष तोमर बेहोश होकर गिर पड़े और 2 दिन बाद अस्पताल में दम तोड़
दिया.
पुलिस ने बड़े षड्यंत्रकारी ढंग से 8 आन्दोलनकारियों को अलग अलग जगह से गिरफ्तार किया और उन पर दंगे और हत्या के तमाम मामले दर्ज कर दिया. सबसे आश्चर्यजनक बात ये थी कि इन लड़कों को दोपहर में 2 से 3 बजे के बीच ही गिरफ्तार कर लिया गया जबकी तोमर 5 से 6 के बीच बेहोश हुए. मीडिया ने भी इसमें खूब मसाला लगा लगा कर बिना सबूत ही मासूम आन्दोलनकारियों को दंगाई और हत्यारा घोषित कर दिया.
पर हमने हार नही मानी!
आम आदमी पार्टी के वकील सोमनाथ भारती द्वारा इसके खिलाफ याचिका दायर की गयी !! किसी ने ठीक कहा है, सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं!! यही आज साबित हो गया जबकि दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में यह कबूल किया है कि आठों लड़के निर्दोष है, और उनका तोमर की मौत से कोई सम्बन्ध नही है!! इस क्लीन चिट पर 20 मार्च को सुनवाई होगी, पर सवाल उठता है कि अपनी शक्ति का दुरूपयोग करके आन्दोलनकारियों को अपराधी प्रायोजित करने वाली दिल्ली पुलिस के खिलाफ कोई कार्यवाही होगी?
पुलिस ने बड़े षड्यंत्रकारी ढंग से 8 आन्दोलनकारियों को अलग अलग जगह से गिरफ्तार किया और उन पर दंगे और हत्या के तमाम मामले दर्ज कर दिया. सबसे आश्चर्यजनक बात ये थी कि इन लड़कों को दोपहर में 2 से 3 बजे के बीच ही गिरफ्तार कर लिया गया जबकी तोमर 5 से 6 के बीच बेहोश हुए. मीडिया ने भी इसमें खूब मसाला लगा लगा कर बिना सबूत ही मासूम आन्दोलनकारियों को दंगाई और हत्यारा घोषित कर दिया.
पर हमने हार नही मानी!
आम आदमी पार्टी के वकील सोमनाथ भारती द्वारा इसके खिलाफ याचिका दायर की गयी !! किसी ने ठीक कहा है, सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं!! यही आज साबित हो गया जबकि दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में यह कबूल किया है कि आठों लड़के निर्दोष है, और उनका तोमर की मौत से कोई सम्बन्ध नही है!! इस क्लीन चिट पर 20 मार्च को सुनवाई होगी, पर सवाल उठता है कि अपनी शक्ति का दुरूपयोग करके आन्दोलनकारियों को अपराधी प्रायोजित करने वाली दिल्ली पुलिस के खिलाफ कोई कार्यवाही होगी?
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