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रविवार, 30 दिसंबर 2012

गैंगरेप पर प्रदर्शन में हिंसक मोड़ के पीछे NSUI का हाथ?

नई दिल्ली ।। पिछले एक हफ्ते से दिल्ली गैंगरेप की घटना के खिलाफ देश भर में चल रहा शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन दो दिनों से रंग बदलने लगा है। शनिवार को प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने रष्ट्रपति भवन में घुसने की कोशिश की तो रविवार को प्रदर्शनकारियों की तरफ से उत्पात की खबरें आईं। कई जगहों से यह सवाल उठने लगा है कि प्रदर्शन में आए इस खतरनाक मोड़ के पीछे क्या प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से कांग्रेस का हाथ है?




शनिवार और रविवार को प्रदर्शनकारियों की तरफ से पथराव किए जाने की, बैरिकेड्स तोड़ने और गाड़ियों में तोड़फोड़ करने की कई खबरें आईं। हालांकि आम प्रदर्शनकारियों का मूड कहीं से भी हिंसा के पक्ष में नहीं दिख रहा था। मगर, पुलिस की तरफ से भी उत्पात के बहाने बल प्रयोग में कोई कोताही नहीं बरती गई। लड़कियों और शांति से बैठे प्रदर्शनकारियों को भी दौड़ा-दौड़ा कर पीटा गया।

इन सबसे साजिश की जो बू रही थी, सोशल साइट फेसबुक और खासकर ट्विटर पर उसकी अच्छी खासी झलक दिखी। ट्विटर पर एनएसयूआई ट्रेंड में काफी ऊपर था। लोग यह आरोप लगा रहे थे कि कांग्रेस की छात्र इकाई एनएसयूआई ने प्रदर्शन को हिंसक बनाने की पूरी कोशिश की। जनलोकपाल के ट्विटर अकाउंट से किए गए ट्वीट में सबको अलर्ट करते हुए यह जानकारी दी गई कि एनएसयूआई के 100 कार्यकर्ता राजपथ पर प्रदर्शनकारियों को मीडिया पर हमला करने के लिए भड़का रहे हैं। उनमें से ज्यादातर ह्यूमन चेन में हैं।
एक ट्वीट में बताया गया कि समाचार चैनल आईबीएन 7 से बातचीत में एक वकील ने इस बात की पुष्टि की कि एनएसयूआई के लोगों ने जानबूझ कर हिंसा भड़काई। इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए प्रशांत ने कहा, इंडियागेट पर सुबह सबने यह देखा।


यहां तक कि कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी ट्वीट कर बताया कि सोनिया और राहुल स्वघोषित एनएसयूआई मेंबर्स से मिले और एनडीटीवी ने यह कहते हुए उनकी फोटो दिखाई कि 'सोनिया प्रदर्शनकारियों से मिलीं।' 

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