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सोमवार, 31 दिसंबर 2012

भाजपाई फेस्बुकिये

आप सभी "आप समर्थको" ने देखा होगा की भाजपाई फेस्बुकिये इतना प्रचार तो अपनी पार्टी की रीतियों नीतियों का नही करते जितना वो अरविन्द भाई और 'आप समर्थको' को गाली देने का करते है, उन्हें राजनीति का एक सामान्य प्रोटोकॉल भी नही पता की विरोधी पार्टी का राष्ट्रिय प्रमुख का नाम शिष्टाचार से लिया जाता है, जिस प्रकार का निंदनीय शब्द वो अरविन्द भाई के लिए प्रयोग करते है, अगर उसका १० प्रतिशत भी हम उनके मोटू आई. क्यू. से भरपूर अध्यक्ष के बारे में कह दें तो उनकी ढंग से सुलग जायेगी.. खेर हम उनकी तरह असभ्य तो है नही जो विरोधियो की आलोचना गाली देकर करे, हमे उनकी आलोचना करनी होगी तो अच्छे शब्दों का प्रयोग करके भी कर सकते है, उनके कृत्य देख कर तो कई बार संदेह उत्पन्न हो जाता है की उनकी पार्टी में कोई अच्छी बात है भी या नही जो वो उस बात को बताने की जगह आधे समय तो मुस्लिमो के खिलाफ फेसबुक पर पोस्ट डालते है और बाकी बचे समय में वो अरविन्द भाई को गलियां देते है!!!


मैं कुछ दिनों से देख रहा हूँ अरविन्द भाई को उनकी गालियाँ पडनी जरा आज कल कम हो गई है 'दिल्ली गेंग रेप" के कारण, मुझे आज कल उनकी दामिनी को बहन कह कर पुकारने में इतनी हंसी आ रही है की पूछो मत.. वो कह रहे है की बलात्कार के खिलाफ ये होना चाहिए वो होना चाहिए.. जरा वो हमे ये बताये की उनकी पार्टी देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी है, क्या उसने कभी संसद में इस मुद्दे के बारे में कोई प्रस्ताव लाने का प्रयास किया.. ये व्ही भाजपाई फेस्बुकिये है जो कल तक मुस्लिम लडकियों के साथ "गोधरा कांड" के बाद गुजरात में भाजपाई कार्यकर्ताओ ने जो कुछ किया उसके मजे लेते थे कभी यू-टूयूब में जाकर उन लडकियों की काहानी भी देख लेते की किस तरह उन मुस्लिमो लडकियों के साथ इन लोगो ने दुराचार किया था.. पर जात के भाजपाई है मुस्लिम लडकियों के साथ गुजरात में जो हुआ उसके बारे में मुह नही खोलेंगे... अरे कम से कम ये तो बता दो की तुम्हारी पार्टी अगले चुनाव में अगर किसी बलात्कारी को टिकेट देती है तो तुम उस बलात्कारी का ही तो प्रचार करोगे तो फेसबुक पर दामिनी को बहन कहने का इतना नाटक क्यों जबकि तुम्हारी पार्टी खुद अब तक कई बलात्कारियो को चुनाव में टिकेट देती रही है ?
भाजपाई फेस्बुकिये चाहते है की सरकार तो देश भर में हो रहे बलकार की पूरी जिम्मेवारी ले पर मुख्य विपक्षी के नाते वो इतने साल से इस मुद्दे पर क्या कर रहे थे इसका हिसाब कौन देगा?

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