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शुक्रवार, 9 नवंबर 2012

केजरीवाल का स्विस बैंक अकाउंटों पर बड़ा खुलासा

इंडिया अगेंस्ट करप्शन के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने अपने खुलासों की श्रृंखला में चौथा बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने भारत सरकार पर स्वीस बैंकों में जमा पैसे पर कोई कार्रवाई नहीं करने और जिन लोगों के पैसे जमा है उन्हें बचाने का आरोप लगाया. केजरीवाल ने स्विस बैंकों पर भारत सरकार के ढुलमुल अंदाज पर भी प्रहार किया और मनमोहन सिंह सरकार को भारत की आर्थिक संप्रभुता पर खतरा बताया.


केजरीवाल ने शुरुआत में बीजेपी पर अपने पिछले खुलास की प्रतिक्रिया पर चुटकी भी ली. उन्होंने कहा, ‘पिछला खुलासा जब हमने किया था तो बीजेपी वालों ने बोला था कि इनलोगों की खुलासों की साप्ताहिक मंडी लगती है. हम कहते हैं कि आपने (बीजेपी और कांग्रेस) ने मिलकर इतने घोटाले किए हैं कि इनकी रोजाना मंडी लगनी चाहिए.’

केजरीवाल ने कहा, ‘वर्तमान सीबीआई डायरेक्टर ने एक बार कहा था कि भारतीयों का 500 बिलियन डॉलर (25 लाख करोड़ रुपये) से अधिक काला धन विदेशी बैंकों में जमा है. इनमें से काफी बड़ा भाग स्वीटजरलैंड के स्वीस बैंकों में जमा है.’

केजरीवाल ने कहा, ‘जुलाई 2011 में फ्रांस की सरकार से हमारे देश की सरकार को एक सीडी मिली इसमें स्विटजरलैंड की एचएसबीसी के जनेवा ब्रांच में 700 भारतीयों के अकाउंट्स की लिस्ट थी. यह लिस्ट दिसंबर 2006 के दौरान स्विस बैंकों में जमा भारतीयों के पैसों की विस्तृत जानकारी थी.’

केजरीवाल ने कहा, ‘हमें कुछ लोगों के नामों की जानकारी मिली है बाकियों की नहीं मिली. 28 जुलाई 2011 को दिल्ली में तीन लोगों के ऊपर रेड मारी गई थी. तीनों ने कबूल कर लिया. उन्होंने कहा ‘हमने इनकम टैक्स में नहीं बताये थे अब इसपर टैक्स देने के लिए तैयार हैं.’

केजरीवाल ने एक स्टेटमेंट जारी करते हुए बताया कि इसमें लिखा है कि यह गोरखधंधा देश में कैसे चल रहा है.

केजरीवाल द्वारा लिस्ट में जिन नामों और उनकी जमा रकम का खुलासा हुआ वो ये हैं:

मुकेश अंबानीः 100 करोड़

अनिल अंबानीः 100 करोड़

मोटेक सॉफ्टवेयर प्राइवेट लिमिटेड (रिलायंस ग्रुप कंपनी): 2100 करोड़ रुपये

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेडः

संदीप टंडनः 125 करोड़ रुपये (इन्कम टैक्स ऑफिसर थे) मृत्यु हो चुकी है.

अनु टंडनः 125 करोड़ (राहुल गांधी की करीबी).

यशोवर्धन बिड़लाः कोई बैलेंस नहीं उपलब्ध.

केजरीवाल ने वर्तमान राष्ट्रपति और तबके वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी पर भी संगीन आरोप लगाया कि उन्होंने इन रसूखदार लोगों को बचाने का प्रयास किया है. उन्होंने कहा, ‘प्रणब मुखर्जी ने केजरीवाल ने कहा, ‘मैं प्रणब मुखर्जी से पूछता हूं कि इनकम टैक्स के किस एक्ट के तहत उन्होंने इन लोगों पर केस चलने से रोका.’ केजरीवाल ने आगे बताया, ‘स्विस बैंकों में अकाउंट खोलने का तरीका संगीन है. देश की संप्रभुता और सुरक्षा पर खतरा है. एचएसबीसी वाले आपके पास आकर अकाउंट खोलते हैं और बाद में उसमें कैश पैसा जमा कर सकते हैं और साथ ही इसमें से कैश निकालने के लिए भी आपको जेनेवा नहीं जाना पड़ता है. बैंक वाले आपको कैश निकाल कर हाथ में दे जाते हैं. इसी प्रकार अगर पाकिस्तान से किसी आतंकवादी को भारत में पैसा लाना है तो एचएसबीसी के जरिए लाया जा सकता है. अपरहण, आतंक को बढ़ावा मिल रहा है. इससे देश की सुरक्षा को अपार खतरा है. काला धन, ड्रग्स, रिश्वतखोड़ी का पैसा स्विस बैंकों में जा रहा है.’

वित्त मंत्रालय के स्त्रोत से मिली जानकारी के मुताबिक इनमें से कुछ लोगों के घर रेड डाली गई लेकिन कई बड़े नामों को छोड़ दिया गया.

केजरीवाल ने कहा, ‘सरकार ने पार्लियामेंट में झूठ बोला और 6000 में से 181 करोड़ मिलने की बात की गई है. सरकार के अंदर कुछ लोगों ने पैसा खाया है. हमारी सरकार घटिया और गिरी हुई है. अपराधियों को बचाया जा रहा है. एचएसबीसी मनी लांडरिंग और हवाला को बढ़ावा दे रही है.’

केजरीवाल ने बताया, ‘इसकी जानकारी अमेरिका द्वारा दी गई है उन्होंने इसकी जानकारी भारत सरकार को दी है लेकिन भारत सरकार इस पर आंखें मूंदे हुए है. ऐसा नहीं है कि भारत सरकार को इसकी जानकारी नहीं है लेकिन वो इस पर कोई कार्रवाई नहीं करना चाहते. खाना पूर्ति भर की है. बस कुछ लोगों के घर रेड मारे गए. अगर भारत सरकार चाहे तो एसएसबीसी का काम देश में बंद किया जा सकता है. यानी एचएसबीसी की गर्दन भारत सरकार के हाथों में है.’

केजरीवाल ने मांग की, ‘एचएसबीसी के टॉप अधिकारियों को खिलाफ प्रिवेंसन ऑफ मनी लांडरिंग एक्ट के तहत गिरफ्तार किया जाए.’

अरविंद ने बताया कि 2010 के अंदर अमेरिका ने एक कानून बनाया कि किसी भी देश के बैंक को वहां काम करने के लिए उसमें खोले गए सारे अकाउंट की जानकारी देनी पड़ेगी. अब भारत क्या ऐसे कानून नहीं पारित कर सकता? कर सकता है, लेकिन सरकार करेगी नहीं क्योंकि सरकार में शामिल कई बड़े नामों का पैसा स्विस बैंकों में जमा है.’

केजरीवाल ने एचएसबीसी में कार्यरत भारतीय कर्मचारियों से नौकरी छोड़ने की अपील की. उन्होंने कहा, ‘एचएसबीसी में 32 हजार भारतीय काम करते हैं. मैं उनसे अपील करता हूं कि नौकरी छोड़ दीजिए. हम इस देश के दूसरे बैंकों से अपील करेंगे की आपको नौकरी दी जाए.’

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