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बुधवार, 28 नवंबर 2012

आम आदमी पार्टी की सफलता पर हेगड़े को संदेह

कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त और टीम अन्ना के सदस्य न्यायमूर्ति एन संतोष हेगड़े ने अपने पूर्व सहयोगी अरविंद केजरीवाल की नई पार्टी की सफलता को लेकर संदेह जताया है।



अरविंद केजरीवाल की नवगठित ‘आम आदमी पार्टी’ के बारे मे पूछे गए सवाल पर उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ने कहा कि मेरी आशंका सिर्फ यह है कि इस माहौल में राजनीतिक व्यवस्था की इतनी मांगों के कारण कोई राजनीतिक दल कैसे खुद को बरकरार रख पाएगा।

कश्मीर से कन्याकुमारी तक संसद के करीब 543 सदस्यों के निर्वाचन के लिए बड़ी धनराशि चाहिए होती है। यह कोई आसान काम नहीं है।

हेगड़े ने कहा कि सैद्धांतिक तौर पर यह अच्छी चीज है लेकिन क्या हकीकत में यह सफल हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री को लोकपाल के दायरे में लाने में कुछ भी गलत नहीं है क्योंकि वह भी अन्य लोक सेवकों की तरह हैं।

हेगड़े ने कहा कि लोकपाल के दायरे में प्रधानमंत्री के होने में गलत क्या है? क्या प्रधानमंत्री लोक सेवक नहीं हैं? क्या अन्य देशों में प्रधानमंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले नहीं होते? जापान में हर दूसरे साल एक प्रधानमंत्री पर मुकदमा चलता है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन पर मुकदमा चला। प्रधानमंत्री को लेकर इतनी महान बात क्या है? 

हेगड़े ने कहा कि पूर्व में भी भारतीय प्रधानमंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं और केवल राष्ट्रपति और राज्यपालों को अभियोजन से छूट प्राप्त है, प्रधानमंत्री को नहीं।

उन्होंने कहा कि हमने बोफोर्स और जेएमएम रिश्वतखोरी मामले में दो पूर्व प्रधानमंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप देखे थे। लोकतंत्र में किसी व्यक्ति को महज इसलिए अभियोजन से छूट कैसे दी जा सकती है, क्योंकि वह किसी पद पर हैं? संविधान कुछ मामलों में राष्ट्रपति और राज्यपालों को अभियोजन से छूट देता है। किसी ऐसे व्यक्ति पर यह सिद्धांत लागू नहीं हो सकता जो नियमित आधार पर कार्यकारी आदेश जारी करते हों। 

5 टिप्‍पणियां:

  1. आम आदमी पार्टी मुर्दाबाद.. हिंदुत्व जिंदाबाद..
    आम आदमियों का नाम लेकर भोकना बंद करदो..
    तुम लोग...
    अब सिर्फ मोदी का राज आएगा.
    हिन्दुओ का राज आएगा..

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  2. I proud on Arvind. Alteast he dares to dream.

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