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गुरुवार, 29 नवंबर 2012

मीडिया हो तो सही, ना हो तो भी सही - मीडिया का फर्क तो पड़ता है .....पर वो सिर्फ हमें रोक नहीं सकता

मीडिया influenced है? या कहिये impartial नहीं है। मीडिया को हम लोकत्रंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में देखते है। या कहें कि ..देखने की उम्मीद रखते है। 
लेकिन सब-कुछ, देश में भष्टाचार के रावन के आगे बेबस है ..या यूँ  कहें की अपनी गरिमा को बनाये रखने में नाकामयाब साबित होता नज़र आ रहा है। 
सवाल सांसदों, व्यवसाइयों,.... से लेकर मीडिया के आँगन तक आ खड़े हुए । 
हमारे देश में सोशल मीडिया के इस्तेमाल करने पर न जाने कब  कौन सी बात, किसको खटक जाए और गिरफ्तार कर लिया जाये।।पता नहीं! 
एक कार्टूनिस्ट पर देशद्रोह का आरोप लगता है ..गिरफ्तार किया जाता है ..फिर मामला वापस!...
किसी RTI कार्यकर्ता को एक Tweet के नाम पर सुबह सुबह पुलिस गिरफ्तार कर ले जाती है!......और भी बहुत कुछ पता नहीं,....

आम आदमी की सिस्टम के आगे बेबसी तो है पर इससे बाहर निकलने का रास्ता भी आम आदमी के हाथ में है और हमें सिर्फ आप (AAP) में नज़र आता है।
सोशल मीडिया की अपनी पहुँच एक है .,,और उसकी शक्ति का अंदाज़ा सबने अभी देखा भी है। Egypt के अन्दर जो आन्दोलन हुआ उसमें फेसबुक और ट्विटर की भूमिका हम सबने काफी सुनी थी। 
फिर सुना की गवर्नमेंट ने facebook और Twitter, 24 जनवरी 2011 को Egypt  में बंद कर दिया था, फिर alternative साइट्स पर जनता ने स्टेटस और प्रोग्राम्स शेयर करने चालु कर दिए ...और 
फिर सुना की पूरी तरह से इन्टरनेट को ही ठप्प कर दिया गया ...
सवाल आज यह है की क्या किसी जन आन्दोलन को इस तरह कुचला जा सकता था? 
नहीं, जवाब भी मिल चुका है Egypt से ही ...जहाँ सुना है की लोगों ने एक-एक घर का दरवाजा खट -खटाया और अपने सेल फ़ोनों के जरिये अपने आन्दोलन को इसकी परिणति (अंजाम) तक पहुँचाया 
यह काम हमारे देश के लिए तो नया भी नहीं है, 1857 की क्रांति हो या उसके बाद का कोई भी जन आन्दोलन, कोई नहीं थमा चाहे तब के मीडिया (प्रिंट मीडिया) पर कितनी ही बंदिशे क्यों न रहीं हों ।
आज की परिस्थिति थोड़ी सी अलग है। हम सब आज़ाद हैं (कितना सच पता नहीं) ।।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार भी है ....फिर भी यह लाचारी?...कुछ अटपटा सा आलम है ...जैसे आज़ादी तो है ...उड़ने के लिए खुला आसमान भी, पंख है की किसी और के हाथ में।।
दुखद है, पर कोई नहीं .....ये चाहे जो करलें अब आपका (AAP) आन्दोलन रुकने वाला नहीं,.....अब आम आदमी रुकने वाला नहीं
मीडिया हो तो सही, ना हो तो भी सही - मीडिया का फर्क तो पड़ता है .....पर  वो सिर्फ हमें रोक नहीं सकता,....क्यूंकि हम तो आप (AAP) हैं ....कोई आप को रोकेगा कैसे,...नागेन्द्र शुक्ल 

5 टिप्‍पणियां:

  1. bikau midia aam aadmi ki baat ko naa uthaye social midia hai na..
    aap zindabad.

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  2. कोन सा आम आदमी ये हिन्दुओ के वोट काटने के लिए बनाई गई पार्टी है देखो मुल्ले खुश हो रहे है खुजलीवाल की पार्टी देख कर..

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    1. Naam rakhne se koi Ram nahi hota....

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    2. सही कहा मुधुर्ट विचार राम सिया जैसे लोग भी एक दिन सही रस्ते पर आयेगे और अरविन्द भाई का साथ देंगे..

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