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शुक्रवार, 26 अक्तूबर 2012

अरविन्द सच का सिपाही..



फेसबुक से लेकर सड़क तक कोई अरविन्द केजरीवाल को सही कह रहा है कोई गलत . पूरे देश भर में लाखो नए
नए नेता अपनी अपनी राय लिए हाजिर हैं .. भैया आज सभी राय देने वालो से मेरा एक निवेदन है की अपनी राय
को अपने निजी खुद के अनुभवों से जोड़ो .. नेता जी तो सब बन जाना चाहते हैं लेकिन पुराने नेता ऐसे
ही नेता नहीं बन गए .. आज यानी पिछले २० सालो में राजनीति भ्रस्ताचार से डूब गई लेकिन अगर
राजनीती गन्दी हुई तो जनता त्
रस्त . अब मूल बात समझिये मेरी - कांग्रेस बी जे पी आदि बहुत बड़े संगठन हैं ,
इनको परेशां करने की हिम्मत ??? किसकी हिम्मत . लेकिन प्यारे अन्ना दुलारे अरविन्द केजरीवाल ने सच में एक ७४ साल के असली मर्द अन्ना जी के साथ हिम्मत दिखा ही दी .. लगा दी आग .. आग लगी तो लेकिन
किस जगह .. देश भर के पढेलिखे आम आदमी के अन्दर .. अब कोई बोले अरविन्द जिंदल से मिल गए कोई
एनी बोले की शरद पवार से मिल गए , कोई बोले अरविन्द चोर . जब अन्ना जी का पहला आमरण अनशन हुआ
था तब भी कोई बोला अन्ना भगोड़ा , कोई बोला चोर . हुआ क्या कुछ नहीं . अब अगर कोई भी किसी भी तरह
का आरोप अरविन्द या अन्ना जी पर लगाएगा तो देश भर में अनगिनत लोग इनके आरोपों को अपने ऊपर लेने
को राजी होंगे लेकिन सलमान खुर्शीद गद्गरी आदि की पार्टी वाले भी उनके भ्रस्ताचार से दूर भागते नजर आते हैं.. अरविन्द केजरीवाल भारत के इतिहास का पहला बन्दा है जिसने बिना किसी पार्टी के केवल एक आदमी के
काम व् नाम से पूरी दुनिया को एक नई दिशा दिखा दी . सलूट . सबसे बड़े लोकतान्त्रिक देश की माफिया के
चमचे कानून मंत्री , बी जे पी प्रेसिडेंट की कभी किसी ने क्लास ली ऐसे कभी ?? अरविन्द को बुरा बताने वाले
लोगो सिर्फ अपने खुद के कर्म लिखो अगर हों तो . अरविन्द गुनाहगार है की उसने शादी कर ली ,
बच्चो को प्यार किया . लेकिन सोचिये की वो क्या कर सकता था अपने बच्चो के लिए ?? कितनी अच्छी पढाई
करा लो , कितनी मंहगी कार ले लो लेकिन उसको चलाओगे तो देश की ख़राब ट्रेफिक वाली सड़क पर ही न , कितना भी सही बन्ने की कोशिस करो जाना तो सबके बीच ही होगा न . अब जब समाज ही खराब
हो रहा हो तो उसको बंद कमरे में कभी नहीं सुधारा जा सकता .. बाहर तो निकलना ही पड़ेगा - किसलिए बिगड़े
समाज में या तो बिगड़ने या फिर बिगड़े समाज को अरविन्द अन्ना जी के साथ सच में सुधारने . ७५ साल के
सच्चे बुजुर्ग को आगे करके अरविन्द ने एक रास्ता तो बनाया.सच्चा रास्ता अन्ना जी के साथ ..ये हिम्मत
कभी कभी देखी है देश ने .

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