एक सप्ताह से अखिलेश सरकार की गले की फांस बने हुए यूपी पुलिस अधिकारी
ज़िया उल हक, ग्राम प्रधान नन्हे लाल यादव और उनके भाई की ह्त्या से जुड़े
चारों मुकदमों की जांच सीबीआई करेगी!
ज़िया उल हक, ग्राम प्रधान नन्हे लाल यादव और उनके भाई की ह्त्या से जुड़े
चारों मुकदमों की जांच सीबीआई करेगी!
एक अपराधी को मंत्रिमंडल सौंप कर अखिलेश सरकार अपनी विश्वसनीयता पहले ही खो चुकी है, उस पर ऐसे मामले पर इतना ढीला रवैया !! खुद को पाक साफ़ बचा निकालने के लिए यूपी सरकार ने राजा भैया का इस्तीफ़ा तो ले लिया, पर चौतरफा दवाब पड़ने के बाद भी राजा भैया जैसे अपराधी की गिरफ्तारी नही की गयी.
अब सबसे मजेदार बात ये है, कि इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गयी.
क्या ये एक कोशिश है की सीबीआई रुपी सुरंग से निकालकर वक़्त के गड्ढे में डाल दिया जाए? क्या हर बार ही तरह इस बार भी असली अपराधी बच निकलेंगे?
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