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बुधवार, 20 मार्च 2013

आमिर और गरीब के बिच बदती खाई का कारण


The 55 wonder-wallets give India fifth rank in the world of billionaires on the Forbes List. Behind only the U.S., China, Russia and Germany. Our rank in the 2013 United Nations Human Development Index, is 136 out of 186 nations. With almost all of Latin America and the Caribbean, bar Haiti, ahead of us. The write-offs on corporate tax, excise and customs duties add up to since 2005-06, Rs.31.11 lakh crores. It also means we’re writing off taxes and duties for the corporate mob and rich at a rate of over Rs.70 lakh every single minute on average. And when it comes to giving oil subsidy to the poor, or increase domestic electricity slabs, they say that they are burdened with fiscal deficit. This is one of the reason, the gap between the rich and the poor is going on increasing.

55 वी वंडर वॉलेट ने फ़ोर्ब्स सूची में भारत का अरबपतियों की संख्या में पांचवा स्थान बताया है !! केवल यू एस ,चीन,रूस,और जर्मनी के बाद !! 2013 संयुक्त राष्ट्र के मानव विकास सूचकांक में हमारा स्थान 186 में 136वें स्थान पर है !! लैटिन अमेरिका और कैरेबियन, बार हैती लगभग सब हमसे आगे हैं !! 2005-2006 के बीच कॉर्पोरेट टैक्स,उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क पर निगमित कर 31.11 लाख करोड़ रहा !! इसका मतलब ये भी है कि हम कर और शुल्क पर लगभग 70 लाख रुपए पर मिनट की छूट केवल कॉर्पोरेट और धनाड्य वर्ग को दे रहे हैं !!जब गरीबों को तेल सब्सिडी देने की बात आती है या घरेलू बिजली में वृद्धि करने की बात आती है , वे कहते हैं कि वे राजकोषीय घाटे के बोझ तले दब रहे हैं. यही एक कारण है, अमीर और गरीब के बीच खाई बढ़ रही है
Photo: The 55 wonder-wallets give India fifth rank in the world of billionaires on the Forbes List. Behind only the U.S., China, Russia and Germany. Our rank in the 2013 United Nations Human Development Index, is 136 out of 186 nations. With almost all of Latin America and the Caribbean, bar Haiti, ahead of us. The write-offs on corporate tax, excise and customs duties add up to since 2005-06, Rs.31.11 lakh crores. It also means we’re writing off taxes and duties for the corporate mob and rich at a rate of over Rs.70 lakh every single minute on average. And when it comes to giving oil subsidy to the poor, or increase domestic electricity slabs, they say that they are burdened with fiscal deficit. This is one of the reason, the gap between the rich and the poor is going on increasing.

55 वी वंडर वॉलेट ने फ़ोर्ब्स सूची में भारत का अरबपतियों की संख्या में पांचवा स्थान बताया है !! केवल यू एस ,चीन,रूस,और जर्मनी के बाद !! 2013 संयुक्त राष्ट्र के मानव विकास सूचकांक में हमारा स्थान 186 में 136वें स्थान पर है !! लैटिन अमेरिका और कैरेबियन, बार हैती लगभग सब हमसे आगे हैं !! 2005-2006 के बीच कॉर्पोरेट टैक्स,उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क पर निगमित कर 31.11 लाख करोड़ रहा !! इसका मतलब ये भी है कि हम कर और शुल्क पर लगभग 70 लाख रुपए पर मिनट की छूट केवल कॉर्पोरेट और धनाड्य वर्ग को दे रहे हैं !!जब गरीबों को तेल सब्सिडी देने की बात आती है या घरेलू बिजली में वृद्धि करने की बात आती है , वे कहते हैं कि वे राजकोषीय घाटे के बोझ तले दब रहे हैं. यही एक कारण है, अमीर और गरीब के बीच खाई बढ़ रही है

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