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शुक्रवार, 15 मार्च 2013

सरकार चाहती तो भारत में ही बच सकती थी दामिनी

हर बार की तरह इस बार भी देश को मुद्दे से भटकाने के लिए दामिनी को आनन् फानन में इलाज के लिए सिंगापुर भेजने वाली हमारी सरकार उसे अपने देश में जरूरी इलाज़ मुहैया नही करा पायी.

RTI कार्यकर्ता देव आशीष भट्टाचार्य ने 20 दिसंबर को एक आरटीआई डाली थी जिसमे उन्होंने पूछा था कि क्या दामिनी के इलाज़ के लिए देश के बेहतरीन डॉक्टर बुलाये गए थे?

आरटीआइ के तहत यह बात सामने आई है कि सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता का इलाज कर रहे डॉक्टरों की टीम में हार्ट व न्यूरो के डॉक्टर नहीं थे।जबकि पीड़िता को इससे संबंधित गंभीर बीमारियां हो गई थीं। हार्ट अटैक ही उसकी मौत का मुख्य कारण बना.

इससे साफ़ हो जाता है, कि सरकार उसके इलाज को लेकर कितनी गंभीर थी!
Photo: हर बार की तरह इस बार भी देश को मुद्दे से भटकाने के लिए दामिनी को आनन् फानन में इलाज के लिए सिंगापुर भेजने वाली हमारी सरकार उसे अपने देश में जरूरी इलाज़ मुहैया नही करा पायी. 

RTI कार्यकर्ता देव आशीष भट्टाचार्य ने 20 दिसंबर को एक आरटीआई डाली थी जिसमे उन्होंने पूछा था कि क्या दामिनी के इलाज़ के लिए देश के बेहतरीन डॉक्टर बुलाये गए थे? 

आरटीआइ के तहत यह बात सामने आई है कि सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता का इलाज कर रहे डॉक्टरों की टीम में हार्ट व न्यूरो के डॉक्टर नहीं थे।जबकि पीड़िता को इससे संबंधित गंभीर बीमारियां हो गई थीं। हार्ट अटैक ही उसकी मौत का मुख्य कारण बना.

इससे साफ़ हो जाता है, कि सरकार उसके इलाज को लेकर कितनी गंभीर थी!

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