बीजेपी 6 साल राज कर कहती है , हमे वक़्त नहीं मिला हमे वक़्त चाहिए , कुछ करने के लिए ,
देश का सब से महान अर्थशाश्त्री 10 साल राज करने के बाद जब कहता है ,
1, महंगाई कम हो सकती है, हमे बस थोडा वक़्त चाहिए ,
2. करप्शन जड़ से मिटा देंगे , हमे बस थोडा वक़्त चाहिए ,
3. देश के हर घर में पानी और बिजली पहुंचा देंगे , हमे बस थोडा वक़्त चाहिए ,
4. पुलिस से सुधार हम कर देंगे , हमे बस थोडा वक़्त चाहिए ,
5. पाकिस्तान को जबाब दिया जायेगा , हमे बस थोडा वक़्त चाहिए ,
6. बच्चो को फ्री खाना और शिक्षा हम देंगे , हमे बस थोडा वक़्त चाहिए ,
7. अच्छे और मजबूत कानून हम बना देंगे , हमे बस थोडा वक़्त चाहिए ,
और कितना वक़्त चाहिए इन्हें, लगता है देश को लुट कर और बरबाद कर इनका अभी दिल नहीं भरा , अब आम आदमी को सोचना है किसे वक़्त देना है ,
65 साल आज़ादी के बीत गए ,
आज़ादी की ख़ुशी करप्शन के अँधेरे में खो गई ,
माँ भारती को खुश देखने की चाह में ,
कितनी ही जवान आँखे बड़ी हो गई ,
आज़ादी मिली सोचा अब हर ख़ुशी मिल जाएगी ,
हर पेट को रोटी, तन कपड़ा और मकान , हर लव पर मुस्कान खिल जाएगी ,
आज़ादी मिली किस्मत एक पल के लिए जागी और सो गई ,
माँ भारती को खुश देखने की चाह में ,
कितनी ही जवान आँखे बड़ी हो गई ,
नहीं चाहिए ऐसी आज़ादी जिसमे हाथ लाल किए हो भाई ने भाई के खून से ,
नहीं चाहिए ऐसी आज़ादी जहाँ आम आदमी ना जी पाया हो एक पल भी सकून से ,
सकुन ढूनड़ते-ढूनड़ते कितनी ही आँखे बंद कितनी ही रो गई ,
माँ भारती को खुश देखने की चाह में ,
कितनी ही जवान आँखे बड़ी हो गई , जय हिन्द
जिन्हें हमने 65 साल दे दिए, वो अभी और वक़्त मांग रहे हैं ,
पतझड अगर नहीं आएगी तो बसंत कहा से आएगी ,
संसद में अगर वही नेता रहेंगे तो परिवर्तन कहा से होगा , जय हिन्द
देश का सब से महान अर्थशाश्त्री 10 साल राज करने के बाद जब कहता है ,
1, महंगाई कम हो सकती है, हमे बस थोडा वक़्त चाहिए ,
2. करप्शन जड़ से मिटा देंगे , हमे बस थोडा वक़्त चाहिए ,
3. देश के हर घर में पानी और बिजली पहुंचा देंगे , हमे बस थोडा वक़्त चाहिए ,
4. पुलिस से सुधार हम कर देंगे , हमे बस थोडा वक़्त चाहिए ,
5. पाकिस्तान को जबाब दिया जायेगा , हमे बस थोडा वक़्त चाहिए ,
6. बच्चो को फ्री खाना और शिक्षा हम देंगे , हमे बस थोडा वक़्त चाहिए ,
7. अच्छे और मजबूत कानून हम बना देंगे , हमे बस थोडा वक़्त चाहिए ,
और कितना वक़्त चाहिए इन्हें, लगता है देश को लुट कर और बरबाद कर इनका अभी दिल नहीं भरा , अब आम आदमी को सोचना है किसे वक़्त देना है ,
65 साल आज़ादी के बीत गए ,
आज़ादी की ख़ुशी करप्शन के अँधेरे में खो गई ,
माँ भारती को खुश देखने की चाह में ,
कितनी ही जवान आँखे बड़ी हो गई ,
आज़ादी मिली सोचा अब हर ख़ुशी मिल जाएगी ,
हर पेट को रोटी, तन कपड़ा और मकान , हर लव पर मुस्कान खिल जाएगी ,
आज़ादी मिली किस्मत एक पल के लिए जागी और सो गई ,
माँ भारती को खुश देखने की चाह में ,
कितनी ही जवान आँखे बड़ी हो गई ,
नहीं चाहिए ऐसी आज़ादी जिसमे हाथ लाल किए हो भाई ने भाई के खून से ,
नहीं चाहिए ऐसी आज़ादी जहाँ आम आदमी ना जी पाया हो एक पल भी सकून से ,
सकुन ढूनड़ते-ढूनड़ते कितनी ही आँखे बंद कितनी ही रो गई ,
माँ भारती को खुश देखने की चाह में ,
कितनी ही जवान आँखे बड़ी हो गई , जय हिन्द
जिन्हें हमने 65 साल दे दिए, वो अभी और वक़्त मांग रहे हैं ,
पतझड अगर नहीं आएगी तो बसंत कहा से आएगी ,
संसद में अगर वही नेता रहेंगे तो परिवर्तन कहा से होगा , जय हिन्द
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