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सोमवार, 25 फ़रवरी 2013
राम सेतु:- डॉ. कुमार विश्वास
मानस के अनुसार नल-नील और वानरों के स्वरुप में
तैतीस करोड़ देवताओं ने मिल कर उस सेतु को तैयार किया जिस पर चल कर भगवान्
श्रीराम ने अनाचार और अहंकार से युद्ध कर उसे समाप्त किया ! अब जबकि
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनायीं पचौरी-कमिटी कहती है कि रामसेतु तोडना
पर्यावरण,आस्था और व्यवसायिक हित तीनों के लिए भयंकर भूल होगी ! लेकिन
सरकार जो नौ साल में न दिल जोड़ पाई न देश इस अनर्गल तोड़फोड़ पर आमादा है !
इतना बड़ा निर्णय लेने से पहले क्या सरकार ने उन करोड़ों लोगों से संवाद
भी करना चाहा जिन की आस्था मर्यादा
पुरुषोत्तम राम में सांसों की तरह व्याप्त है ? हद्द तो ये है कि करूणानिधि
, जयललिता से लेकर भाजपा तक इस मुद्दे को भुनाने की जुगत में लग गए हैं !
अपनी सरकार के समय "एनलाईटमेंट नॉ 6 " परियोजना में रामसेतु तोड़ने की
स्वीकृति दे चुकी भाजपा अब हमें बता रही की "आस्था" क्या है ?उत्तर-प्रदेश
में रामजन्म भूमि विवाद पर बेहद निर्जज्ज़ और अपमानजनक टिपण्णी करने वाले
बसपा सुप्रीमो कांशीराम के साथ आन्दोलन के ठीक ग्यारह महीने बाद ही हाथ
मिला कर सरकार बनाने वाले भाजपाई भूल गए थे कि देश के बहुसंख्यक समाज को
कितना कुंठित कर दिया था उनके इस तुष्टिकरण ने ! क्या अकेले में इन लोगों
को कभी शर्म-लिहाज नहीं आती ? सरकार के तो कहने ही क्या ? लगता है रावण-कुल
अपने नाश का मार्ग स्वयं प्रशस्त कर रहा है ! बाबा कह भी गए हैं "जाको प्रभु दारुन दुःख देही , ताकि मति पहले हर लेही....!"
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