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रविवार, 24 फ़रवरी 2013

शीला जी, जले पर नमक मत छिडको


प्रो.अशोक अरोड़ा .............. 
दिल्ली की मुख्यमंत्री, शीला दीक्षित ने दिल्ली के लोगो को बिजली का कम इस्तेमाल करने
की नसीहत दी है। ये नसीहत कृपया वे अपने पास ही रखे या अपने मंत्रालय के उन कर्मचारियो
को दे, जो खाली कमरों में भी ऐ सी चला कर रखते है। दिल्ली की जनता खुद समझदार है ।
उनको मालुम है कि एक बल्ब जलाना है या दो जलाने है। उनको ये भी मालुम है कि कब पंखा 
चलाना है और कब कूलर चलाना है। स्वयं तो वे ऐ सी में 24 घंटे रहती है और जनता को केवल पंखे 
में रहने की  सलाह दे रही है। कभी वे महिलाओ को रात में बाहर न निकलने की नसीहत देती है।
कभी जनता  को केवल एक बल्ब  जलाने के लिए कहती है।
इस तरह के जन विरोधी और बेतुके ब्यान देने में दिल्ली की मुख्यमंत्री को क्या जरा भी 
शर्म नहीं आती? 
 
 
क्या वे महंगाई से त्रस्त जनता के जलो पर नमक छिड़क रही है?
यदि वो महंगाई पर रोक नहीं  लगा सकती, दिल्ली की महिलाओ को सुरक्षा नहीं दे सकती,
जनता को कोई सुविधा नहीं दे सकती  और केवल जनता के जलो पर नमक छिड़क सकती है,
तो कृपया वे दिल्ली की कुर्सी छोड़ दे।
 
उन्होंने दिल्ली की जनता का जीना दुर्भर कर दिया है। जो लोग कार से सफ़र करते थे,
उनके पास अब स्कूटर है और जो स्कूटर पर सफ़र करते थे, वे बसों में धक्के खाने में मजबूर है।
कारण केवल एक है - महंगाई। आज एक भ्रष्ट व्यक्ति तो अमीर होता जा रहा है और 
एक ईमानदार, मिडिल क्लास व्यक्ति महंगाई की वजह से गरीब हो गया है।
लेकिन शीला दीक्षित गरीब जनता का दर्द कैसे जाने?
 
करोडो रुपये के घोटालो करके वे खुद तो महलो में रहती है और ऐ सी कार में सफ़र में करती है
और जनता को पंखे में रहने की नसीहत देती है। जैसे महंगाई बड़ती जा रही है, मुझे तो लगता है 
लोगो को आने वाले समय में एक गरीब को पंखा भी नसीब नहीं होने वाला।
 
शीला मैडम, लोगो का बिजली का बिल अधिक खपत के वजह से ज्यादा नहीं आ रहा किन्तु 
बिजली के रेट बड़ने की वजह से आ रहा है और ये रेट आपके और बिजली कंपनियो की 
सांठ गाँठ से बड़े है, जो कि अब जनता जान चुकी है। जनता बिजली, पानी, फल, सब्जी इत्यादि 
के रेट बड़ने से पहले ही दुखी है, जख्मो पर यदि आप मलहम नहीं लगा सकती तो 
कृपया उन पर नमक भी न छिडको,
वर्ना जनता का गुस्सा आने वाले विधानसभा चुनावों में आपको साफ़ नजर आ जायगा।              
 

2 टिप्‍पणियां:

  1. शिला दिख्षित मुरादाबाद...
    इस बार शिला को जाना होगा आम आदमी आएगा
    आम आदमी जिंदाबाद

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  2. Aam aadmi zindabad......
    shila ki to.........

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