भारत के गद्दारों को अधिकार .....बांटे जाते।
राष्ट्रप्रेम के दीवाने ,...... दर-दर की ठोकर खाते।
बात करे ..क्या इन गुंडों की ...यहाँ तो इनके नेता भी धमकाते है
गीदड़ की औकात तो देखो ..... सिंहों को धमकी देता है।
जो जाग रहा ....अडिग खड़ा है ....
ये सोने वाले ही ..इनको ताकत देते है .....
धमकी देने वालों का क्या ....बस धमकी देते रहतें है ....
अपना तो है लक्ष्य बड़ा ....ऐसे तो बस आते - जाते रहतें है ...
गीदड़ की औकात तो देखो ..... सिंहों को धमकी देता है।
साम - दाम - दंड - भेद .....सब चालू है ...इन राजनीतिक पार्टियों का ....तरह तरह के षण्यंत्र ....पर ये षण्यंत्र हो क्योँ रहे है ....इस्नके पीछे उद्देश्य क्या है ....क्या इनका उद्देश्य ...सिर्फ AAP को हराना है ....नहीं ऐसा नहीं ....
अगर सिर्फ इतना होता ...तो ये इतने परेशान नहीं होते ....जो बात इन्हें सबसे ज्यादा परेशान करती है ....जिससे ये लोग डरे हुए है ...वो ये है की ....
जिस तरह से .....अरविन्द जी और AAP राजनीतिक सोंच को बदल रहें है ......जिस तरह से सच जनता के सामने आ रहा है ....और जिस तरह से जनता ...जाग रही है .....
इनसे सवाल कर रही है .....जवाब कर रही है ...ये बौखलाए हुए है .....
इनको ये लग रहा है ...की अगर जनता जाग गयी ...इनके पुस्तैनी धंधे (business ) राजनीती का क्या होगा .....इनकी तो दूकान ही बंद हो जाएगी ......और इसलिए ये उतरे है .....और इतनी नीचता पर की कोई हद नहीं .....
हर बार मुझे लगता है ...की ये इससे नीचे क्या गिरेंगे ......पर हर बार ..मैं गलत साबित होता हूँ ....
वाकई ...ये लोग तो सोंच और समझ .....से भी ज्यादा ....नीचे गिरे हुए है ....
धमकी देना ....एक बुरी तरह से डरे हुए की .....पहली निशानी है ....और इनको क्या लगता है ....किसी एक दो को डरा धमका के .....ये कामयाब हो पायेगे ....इस जागती हुई जनता की आँखों में धुल झोकने में ......
नागेन्द्र शुक्ल की जी फेसबुक वाल से...
राष्ट्रप्रेम के दीवाने ,...... दर-दर की ठोकर खाते।
बात करे ..क्या इन गुंडों की ...यहाँ तो इनके नेता भी धमकाते है
गीदड़ की औकात तो देखो ..... सिंहों को धमकी देता है।
जो जाग रहा ....अडिग खड़ा है ....
ये सोने वाले ही ..इनको ताकत देते है .....
धमकी देने वालों का क्या ....बस धमकी देते रहतें है ....
अपना तो है लक्ष्य बड़ा ....ऐसे तो बस आते - जाते रहतें है ...
गीदड़ की औकात तो देखो ..... सिंहों को धमकी देता है।
साम - दाम - दंड - भेद .....सब चालू है ...इन राजनीतिक पार्टियों का ....तरह तरह के षण्यंत्र ....पर ये षण्यंत्र हो क्योँ रहे है ....इस्नके पीछे उद्देश्य क्या है ....क्या इनका उद्देश्य ...सिर्फ AAP को हराना है ....नहीं ऐसा नहीं ....
अगर सिर्फ इतना होता ...तो ये इतने परेशान नहीं होते ....जो बात इन्हें सबसे ज्यादा परेशान करती है ....जिससे ये लोग डरे हुए है ...वो ये है की ....
जिस तरह से .....अरविन्द जी और AAP राजनीतिक सोंच को बदल रहें है ......जिस तरह से सच जनता के सामने आ रहा है ....और जिस तरह से जनता ...जाग रही है .....
इनसे सवाल कर रही है .....जवाब कर रही है ...ये बौखलाए हुए है .....
इनको ये लग रहा है ...की अगर जनता जाग गयी ...इनके पुस्तैनी धंधे (business ) राजनीती का क्या होगा .....इनकी तो दूकान ही बंद हो जाएगी ......और इसलिए ये उतरे है .....और इतनी नीचता पर की कोई हद नहीं .....
हर बार मुझे लगता है ...की ये इससे नीचे क्या गिरेंगे ......पर हर बार ..मैं गलत साबित होता हूँ ....
वाकई ...ये लोग तो सोंच और समझ .....से भी ज्यादा ....नीचे गिरे हुए है ....
धमकी देना ....एक बुरी तरह से डरे हुए की .....पहली निशानी है ....और इनको क्या लगता है ....किसी एक दो को डरा धमका के .....ये कामयाब हो पायेगे ....इस जागती हुई जनता की आँखों में धुल झोकने में ......
नागेन्द्र शुक्ल की जी फेसबुक वाल से...
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