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शुक्रवार, 30 नवंबर 2012

आम आदमी के सपनों में आप और बाप की लड़ाई

एक अच्छा व्यंग मनोज अग्रवाल(प्रभात खबर) के द्वारा.. इसे जरुर पड़े.. "आम आदमी के सपनों में आप और बाप की लड़ाई"


मेरे लिए नींद और सपने का संबंध वैसा ही है, जैसा अभी के नेताओं का भ्रष्टाचार से. जिस तरह सत्ता में आते ही नेता भ्रष्टाचार शुरू कर देते हैं, वैसे ही मैं बिस्तर पर जाते ही सपने देखने लगता हूं. ज्यादातर हम लोग सपनों में वहीं चीजें देखते हैं, जोहमारे दिलो दिमाग में चल रही होती हैं. सो देखने लगा मौजूदा राजनीतिक हलचल से जुड़ा एक सपना.
इसकी शुरुआत कुछ इस तरह होती है- दो पार्टियां हैं और दोनों के बीच जबरदस्त खींचतान चल रही है. एक का नाम ‘आप’ (आम आदमी पार्टी) और दूसरी पार्टी का नाम है ‘बाप’ है. आप चाहें तो बाप का पूरा नाम बदनाम आदमी पार्टी या भ्रष्ट आदमी पार्टी मान सकते हैं. सत्ता अभी ‘बाप’ के हाथ में है, किंतु ‘आप’ ने ऐसी जंग छेड़ दी है कि उसके मंत्रियों को कुरसी और भविष्य की चिंता सताने लगी है.
इसी चिंता को लेकर ‘बाप’ की मीटिंग चल रही है और सभी मंत्री व प्रधानमंत्री पार्टी अध्यक्ष से ‘आप’ से संभावित खतरे के बारे में चर्चा कर रहे हैं. चिंतित मुद्रा में मंत्री कह रहे हैं कि ‘आप’ ने हम लोगों की जिंदगी नरक बना दी है. अब तो उसके नेता धमका रहे हैं कि सत्ता में आयेंगे तो जेल भेज देंगे. मंत्री इंतजार में हैं कि अब उनके मुखिया कुछ बोलेंगे, लेकिन वह ‘मौन’ ही रहे. आखिर वह खामोश रहने के गुण की वजह से ही इतने लंबे समय से इतने बड़े पद पर सुशोभित हैं! लेकिन मीटिंग में कुछ ऐसा नेता भी हैं, जिन्हें शब्दों के तीर चलाने से परहेज नहीं है. एक ने कहा-‘‘टेंशन का कोनो बात नहीं है. ऊ लोग बरसात का मेढक है. थोड़ा दिन टरटरा कर चुप हो जायेगा.’’ दूसरे ने कहा-‘‘ऊ लोग तो मच्छड़ है. सिर्फ भिनभिनायेगा, कुछो करेगा नहीं.’’ अब सभी पार्टी अध्यक्ष के सुविचारों के लिए उनकी ओर ताकने लगे. मैडम ने उनकी इच्छा को भांपते हुए बस इतना कहा- राजनीति का सफर है ये कैसा सफर, कोई समझा नहीं कोई जाना नहीं.. जवाब में नेताओं ने कहा- क्या-क्या ना सहे हमने सितम ‘आप’ के कारण, अब जेल भी जायेंगे मैडम आपके कारण..
अब मेरे दिमाग का कैमरा ‘आप’ की ओर घूमा और उसकी हलचलों का लाइव नजारा देखने लगा. आम आदमी पार्टी के नेता ऐसे खुश थे, जैसे अभी-अभी उन्होंने मंत्री पद की शपथ ली हो. एक ने भाषण के बीच में शेरो-शायरी का बाण छोड़ा-
डुबो देंगे हम इस भ्रष्टाचार की कश्ती को
इसके लिए हम क्रांति का तूफान लाये हैं
चारों तरफ तालियों की गड़गड़ाहट. मानो भाषण नहीं, किसी सेलिब्रिटी का प्रोग्राम चल रहा हो. पार्टी अध्यक्ष भाषण दे रहें हैं- मेरी पार्टी सत्ता में आयी, तो देश से गरीबी-बेकारी दूर कर देंगे, भ्रष्ट मंत्रियों को जेल भेजेंगे और हम एक खुशहाल और विकसित राष्ट्र.. तभी अलार्म की घंटी बजी और इस सपने का लाइव प्रसारण डिसकनेक्ट हो गया.

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