इंडिया अगेंस्ट करप्शन ने जब बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी के बारे में कथित खुलासा किया था तो उन्होंने दावा किया था कि वह सामाजिक उद्यमी हैं। अब सवाल उठ रहे हैं कि उनके नियंत्रण वाली कंपनी पूर्ति पावर ऐंड शुगर लिमिटेड के फंड्स का स्रोत क्या है। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की छानबीन में कई अहम जानकारियां हाथ आई हैं। कंपनी के फंड्स का बहुत बड़ा हिस्सा कंस्ट्रक्शन कंपनी आइडियल रोड बिल्डर्स (आईआरबी) से मिला लोन है। आईआरबी वही कंपनी है, जिसे गडकरी के महाराष्ट्र के पीडब्ल्यूडी मंत्री रहने के दौरान मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे समेत कई सड़कों के ठेके मिले थे।
आईआरबी के अलावा पूर्ति में 16 कंपनियों के शेयर हैं। चार शहरों में जब हमने जांच की तो पाया कि इन 16 में से ज्यादातर कंपनियों के अड्रेस संदिग्ध हैं। कंपनी रजिस्ट्रार के पास से मिले पते की छानबीन में पता चला कि पूर्ति ग्रुप की शेयरहोल्डर्स कंपनियों में से पांच तो अंधेरी-कुर्ला रोड पर स्थित स्लम एरिया के एक कमरे के पते पर रजिस्टर्ड हैं। चार अन्य कंपनियों का पता झुग्गीवासियों के लिए एसआरए स्कीम के तहत बनाई जा रही एक निर्माणाधीन बिल्डिंग का दिया गया है।
खास बात यह है कि ये कंपनियां गडकरी के करीबी सहयोगियों की हैं। 2010-11 के रिकॉर्ड्स बताते हैं कि पूर्ति में इन्वेस्ट करने वाली कंपनियों के डायरेक्टर में गडकरी का ड्राइवर, अकाउंटेंट और कंपनी के ही दो कर्मचारी शामिल हैं। एक उनके बेटे निखिल का दोस्त भी है। हालांकि, इस बारे में पूर्ति के मैनेजिंग डायरेक्टर सुधीर दिवे ने बताया कि गडकरी ने कभी भी इन्वेस्टमेंट कंपनियों से उनके सहयोगियों को डायरेक्टर बनाने की सिफारिश नहीं की।
गडकरी के करीबी लोगों की पूर्ति में हिस्सेदारी होने की बात को रहने भी दी जाए तो आईआरबी का कनेक्शन काफी अहम है। इस कंपनी के प्रमोटर डीपी म्हैसकर के पूर्ति में 68.4 लाख शेयर हैं। इस कंपनी की पूर्ति में सबसे ज्यादा 4.7% की हिस्सेदारी है। सबसे ज्यादा अहम बात यह है कि आईआरबी की सिस्टर फर्म ग्लोबल सेफ्टी विजन ने पूर्ति को 164 करोड़ का लोन दिया है।
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