Translet

सोमवार, 22 अक्तूबर 2012

भाजपा कांग्रेस ने खाया विदेशी चंदा


चुनाव आयोग ने प्राथमिक तौर पर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पार्टी को गैरकानूनी तरीके से विदेशी चंदा लेने का दोषी पाया है. इन दोनों पार्टियों ने लंदन में रजिस्टर्ड वेदांता ग्रूप की स्टरलाइट इंडस्ट्रीज और सेसा गोआ ग्रुप से पांच-पांच करोड़ रुपये का चंदा लिया है. यह चंदा विदेशी योगदान नियमन अधिनियम के कानून को ताक पर रख कर लिया गया है.



खबरों के अनुसार चुनाव आयोग ने अपनी जांच में पाया कि स्टरलाइट इंडस्ट्रीज और सेसा गोआ ग्रुप से दोनों ही पार्टियों ने चंदा लिया है, जो जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा 29 बी का उल्लंघन है, जिसमें कहा गया है कि विदेशी योगदान नियमन अधिनियम 1976 की धारा 2 के उपबंध ई के तहत कोई भी राजनीतिक दल विदेशी स्रोतों से चंदा नहीं ले सकती. जबकि बिहार में कबाड़ का धंधा करने से लेकर लंदन में अरबपति बनने वाले अनिल अग्रवाल की इन कंपनियों का संचालन लंदन से ही होता है.

चुनाव आयोग ने जब आयकर विभाग से इस मामले की जांच की तो पता चला कि वेदांता ने पिछले तीन सालों में भारत में राजनीतिक दलों को करीब 28 करोड़ रुपए चंदा के बतौर दिया है. अकेले 2011-12 में वेदांता की सहयोगी कंपनियों ने विभिन्न राजनीतिक दलों को 20.1 लाख डॉलर का चंदा दिया था. वेदांता ने 2004-05 और 2009-10 के दौरान कांग्रेस को 6 करोड़ रुपए का चंदा दिया जबकि वेदांता ग्रुप की सहायक कंपनी द मद्रास ऐल्युमिनियम लिमिटेड ने भाजपा को 3.5 करोड़ रुपए दिए.

अब चुनाव आयोग ने पूरे मामले की जांच करवाने के लिये गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है कि विदेशी कंपनी द्वारा राजनीतिक दलों को दिये गये चंदे की जांच की जाये. आयोग ने कहा है कि इस तरह की गड़बड़ी करने वाली संस्थाओं पर नकेल कसा जाना जरुरी है.

4 टिप्‍पणियां: