Translet

रविवार, 24 फ़रवरी 2013

धमाके तो होते रहते, मत इतना कोहराम करो

धमाके तो होते रहते, मत इतना कोहराम करो !
कौन तुम्हारा मरा है, सब अपना-अपना काम करो !! परसों असमिया मरा था, कल मरा वो बंगाली था !
आज तेलगू मर गया है, बस जारी एक बयान करो ! जिस दिन तुम्हारा मरेगा, रोलेना फफक-फफक के !
दो लाख का चढ़ावा लेकर, फिर ऐशो आराम करो !! सिंध, बंग, पंजाब गया, अपने बाप का क्या गया !
तोता रट्टू जैसे तुम तो, जनगणमन का गान करो !! लुटते रहो,पिटते रहो, रोज लड़ते रहो आपस में !
 

जात-पांत के नाम पर, फिर अगला मतदान करो !!
गर बचा पूर्वजों का खून, थोड़ा सा भी नसों में !
एक बार राणा-शिवा, भगत-बोस का ध्यान करो !!
फिर भुजाएँ फडक उठे, भारत के वीर जवानों की !
हम पर प्रहार करने वालों के, गिन-गिन करके प्राण हरो !!
akash

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें