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गुरुवार, 28 फ़रवरी 2013

चन्द्रशेखर आजद को समर्पित........

किसी कुर्सी वाले नेता ने जब आजाद को आतंकवादी बोला तब हरिओम पवार जी के क्रोधमय वाणी से निकली कुछ पंक्तिया-------)(->


इससे बढ़कर और शर्म की बात नहीं हो सकती थी

आजादी के परवानों पर घात नहीं हो सकती थी

कोई बलिदानी शेखर को आतंकी कह जाता है

पत्थर पर से नाम हटाकर कुर्सी पर रह जाता है


आज़ादी लाने वालों का तिरस्कार तड़पाता है

बलिदानी-गाथा पर थूका, बार-बार तड़पाता है

क्रांतिकारियों की बलिवेदी जिससे गौरव पाती है

आज़ादी में उस शेखर को भी गाली दी जाती है


गाली की भी कोई सीमा है कोई मर्यादा है

ये घटना तो देश-द्रोह की परिभाषा से ज्यादा है

वोटों के लालच में शायद कोई कहीं नही बोला

लेकिन कोई ये न समझे कोई खून नही खोला

मेरी आँखों में पानी है सीने में चिंगारी है

राजनीति ने कुर्बानी के दिल पर ठोकर मारी है

मेरी आँखों में पानी है सीने में चिंगारी है

राजनीति ने कुर्बानी के दिल पर ठोकर मारी है


सुनकर बलिदानी बेटों का धीरज डोल गया होगा

मंगल पांडे फिर शोणित की भाषा बोल गया होगा

सुनकर हिंद – महासागर की लहरें तड़प गई होंगी

शायद बिस्मिल की गजलों की बहरें तड़प गई होंगी

नीलगगन में कोई पुच्छल तारा टूट गया होगा

अशफाकउल्ला की आँखों में लावा फूट गया होगा

मातृभूमि पर मिटने वाला टोला भी रोया होगा

इन्कलाब का गीत बसंती चोला भी रोया होगा


चुपके-चुपके रोया होगा संगम-तीरथ का पानी

आँसू-आँसू रोयी होगी धरती की चूनर धानी

एक समंदर रोयी होगी भगतसिंह की कुर्बानी

क्या ये ही सुनने की खातिर फाँसी झूले सेनानी

जहाँ मरे आजाद पार्क के पत्ते खड़क गये होंगे

कहीं स्वर्ग में शेखर जी के बाजू फड़क गये होंगे

शायद पल दो पल को उनकी निद्रा भाग गयी होगी

फिर पिस्तौल उठा लेने की इच्छा जाग गयी होगी

शेखर महायज्ञ का नायक गौरव भारत भू का है

जिसका भारत की जनता से रिश्ता आज लहू का है

जिसके जीवन के दर्शन ने हिम्मत को परिभाषा दी

जिसने पिस्टल की गोली से इन्कलाब को भाषा दी



जिसकी यशगाथा भारत के घर-घर में नभचुम्बी है

जिसकी बेहद अल्प आयु भी कई युगों से लम्बी है

जब तक भारत की नदियों में कल-कल बहता पानी है

क्रांति ज्वाल के इतिहासों में शेखर अमर कहानी है

आजादी के कारण जो गोरों से बहुत लड़ी है जी

शेखर की पिस्तौल किसी तीरथ से बहुत बड़ी है जी

स्वर्ण जयंती वाला जो ये मंदिर खड़ा हुआ होगा

शेखर इसकी बुनियादों के नीचे गड़ा हुआ होगा

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