Translet

मंगलवार, 1 जनवरी 2013

प्रतिभा पाटिल ने दी थी सात रेपिस्टों को माफ़ी

दिल्ली रेप कांड को लेकर नौजवानों खासकर युवतियों में जबरदस्त आक्रोश है. " रेपिस्टों को फांसी दो" और "वी वांट जस्टिस" के नारे के साथ देश भर में लड़कियां सड़कों पर हैं। इस अभूतपूर्व विरोध से देश का राजनीतिक नेतृत्व हक्का-बक्का और सहमा हुआ है. लम्बी-लम्बी बोलनेवाले नेताओं के बोल नहीं फूट रहे. प्रधानमंत्री और गृहमंत्री खुद बेटियों का बाप होने की दुहाई दे रहे हैं. लेकिन बलात्कारियों को फांसी देने का कानून बनाया जायेगा, यह वादा नहीं कर रहे, जानते हैं क्यों? क्योंकि बलात्कारियों को माफ़ी देने की केंद्र सरकार की नीति है. यह मैं नहीं कह रहा बल्कि केंद्र सरकार के दस्तावेज यह रहस्योद्घाटन कर रहे हैं. जी हाँ, आपको यह जानकर हैरानी होगी कि देश की प्रथम महिला राष्ट्रपति होने का गौरव पानेवाली प्रतिभा पाटिल ने अपने कार्यकाल में 7 बलात्कारियों की फांसी की सजा माफ़ की थी. नीचे उसका ब्योरा है.

1994 में अलीगढ़ में 15 साल की लड़की के साथ रेप कर उसकी और उसके परिवार की हत्या करने वाले धर्मेन्द्र सिंह और नरेंद्र यादव की फांसी की सजा प्रतिभा पाटिल ने माफ़ की थी. 2001 में यूपी में ही 6 वर्ष की बच्ची का रेप करने के बाद हत्या करने वाले सतीश की फांसी की सजा माफ़ की. यूपी के ही एक अन्य रेपिस्ट बंटू को भी माफ़ी दी थी. उसने 6 साल की बच्ची का रेप करने के बाद हत्या कर दी थी. मध्य प्रदेश के 2 बलात्कारियों मोलाई राम और संतोष यादव को भी माफ़ी दी गई. उन दोनों ने एक जेलर की 10 साल की बेटी का रेप कर हत्या की थी. इसके अलावा एक 16 वर्ष की लड़की का रेप करने और हत्या करनेवाले बाबू राम तिड़के को भी महामहिम ने दया का दान दिया था. मित्रों इसे आप क्या कहेंगे? क्या यह बलात्कारियों को प्रोत्साहन देना नहीं हुआ? आखिर यह दया दान क्यों? क्या प्रतिभा पाटिल को इस पाप के लिए देश से क्षमा नहीं मांगनी चाहिए?

वरिष्‍ठ पत्रकार प्रवीण बागी की रिपोर्ट.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें