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शनिवार, 1 दिसंबर 2012

एक मिनट की भी देरी किसलिए?

एक बार एक जंगल में जबरदस्त आग लग गई और जंगल का एक बड़ा हिस्सा जलकर खाक हो गया. जंगल में एक गुरु का आश्रम था. जब जंगल की आग शांत हुई तो उन्होंने अपने शिष्यों को बुलाया और उन्हें आज्ञा दी कि जंगल को फिर से हरा भरा करने के लिए देवदार का वृक्षारोपण किया जाए.

एक शक्की किस्म के चेलने ने शंका जाहिर ही - मगर गुरूदेव, देवदार तो पनपने में बरसों ले लेते हैं.

यदि ऐसा है तब तो हमें बिना देरी किए तुरंत ही यह काम शुरू कर देना चाहिए - गुरू ने कहा.

(आम आदमी पार्टी के उन शुभ चिंतको के लिए जिन्हें लगता है देश में एक इमानदार राजनितिक विकल्प देने में वर्षो लग जायेगे..)

"आर्यन कोठियाल" {एक आम आदमी }

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