कई दिनों से अपने
मित्र मंडली से चर्चा कर रहा हूँ! अरविन्द केजरीवाल की नई पार्टी “आम आदमी पार्टी”
के बारे में अधिकतर युवा मित्र इस नई पार्टी का राजनीती का स्वागत कर रहे है सभी
को लगता है की शायद ये नई पार्टी देश को एक नई दिशा और दशा दे सके..
पर कई लोगो को लगता
है की शायद अरविन्द केजरीवाल के मन में कोई सत्ता का लालच हो! और अरविन्द सत्ता के
लिए ये सब कर रहे है!अरविन्द के मन में प्रधानमन्त्री बनने के सपने देखते है और वो
सोचते है की शायद “आम आदमियों” के नाम पर राजनीती करना कुछ आसन भी है
कई भाजपाई मित्रो को
लगता है की ये पार्टी अन्तोत्व गत्वा कांग्रेस को फायदा पहुचायेगी इसीलिए इस पर
ज्यादा विश्वास नही किया जा सकता, उनका विश्वास है की इस से भाजपा के वोट कटेंगे
पर उनके विशवास पर मुझे विशवास इसलिए नही होता क्युकी मैं देखता है अपनी क्लास के
इशान खान को अपने साथ पड़ने वाले अन्य कुछ मित्रो को जो कांग्रेस के भ्रष्टचार से
तो परेशान थे! पर वो नही चाहते थे की भाजपा सत्ता में आये उनका मानना था की भाजपा
एक धर्म विशेष के खिलाफ नफरत फैलाती है और वो इसीलिए उन्हें लगता था भाजपा को वोट
देने से शायद वो किसी साम्प्रदायिक पक्ष को वोट देते हुए नहीं दिखना चाहते थे..
पर आज परस्थितिया
कुछ अलग है लोगो को कांग्रेस के खिलाफ एक धर्म निरपेक्ष विकल्प मिल गया है “आम
आदमी पार्टी” के रूप में और शायद इस से बीजेपी को जरूर नुकसान होगा पर कांग्रेस को
फायदा होगा हमे ये भी नही मानना चाहिए!
कई और लोगो से भी
मेरी बात होती है जिनका साफ़ कहना होता है की उन्हें राजनीती से कोई लेना देना नही
है ना तो “आम आदमी पार्टी” के खिलाफ है और ना ही “आम आदमी पार्टी’ के साथ है, सच
में ऐसे ही लोगो से सबसे अधिक नफरत होती है जो देश में होने वाले हर घटनाक्रम को
मूकदर्शक की तरह देखते है और ना ही उस पर कोई प्रतिक्रिया करते है और ना ही प्रतिक्रिया
करने वालो का साथ ही देते है शायद ऐसे ही लोग देश के लिए सबसे अधिक नुकसान देह है
क्युकी ये जानते हुए भी की हमारा आन्दोलन भ्रष्ट नेताओ को उखाड़ फेकने के लिए बहुत
जरूरी है और हमे सभी आम आदमियों की आवश्यकता होगी इस आन्दोलन को सफल बनाने में फिर
भी इन सभी बातो को जानते हुए भी कई लोग सिर्फ मूकदर्शक बने रहना चाहते है!
शायद दिनकर जी ने
सही ही कहा था “समर शेष है, नही पाप का भागी केवल बाघ जो
तटस्थ है समय लिखेगा उनका भी अपराध”
मेरी तो अभी भी सभी
आम आदमियों से प्रथना है की वो अभी भी अरविन्द भाई का साथ दें देश के आम आदमी का
साथ दें “आम आदमी पार्टी” का साथ दें क्युकी देश आपका देश में बदलाव होगा वो भी
आपका का .. और अंत में एक बेशकीमती वोट भी आपका..
समय है समय है समय
है समय.. मूकदर्शको जाग जाओ... हमारे साथ आ जाओ या हमसे सीधी टक्कर लेते हुए
भ्रष्ट नेताओ के साथ चले जाओ... आखिर कब तक तमाशबिन बने रहोगे.. राजनीती में एक
मूकदर्शक आखिर सिर्फ वोटिंग के दिन तक ही तो दोनों तरफ की हरकते देख कर खुश हो
सकता है पर वोट देते ही उसे किसी एक के पाले में तो जाना ही है तो तब तक का इंतजार
क्यों?
“आम आदमी जिंदाबाद”
“आप जिंदाबाद”
अरविन्द भाई संघर्ष
करो.. देश तुम्हारे साथ है....
मूकदर्शको आंखे
खोलो!!!
“आर्यन कोठियाल”
“एक
आम आदमी”
ye same maine bhi feel kiya... bahut log yese hote nai jo sochte hai ki mera kya fayada hai isme...
जवाब देंहटाएंBJP ka nuksan aam admi party se nahi BJP ke chup chap desh ke logo ko lutte pitte dekhne se hai..
जवाब देंहटाएंabhi desh oubal raha hai or BJP chup chap tamasa dekh rahi hai. janta ko ekdam bebkoof samajh rahi hai... es baat se jitni gussa logo ko congrees se hai osse jayada BJP se.
yadi aam adami party ka MP hamare area se khada nahi hua to mai BJP ki bajay congrees ko hi vote dena pasand karuga. kam se kam dil ko ye tasalli to rahegi ki maine kudh galat kiya hai. BJP ko vote de kar to esa lagega ki maine to sahi kiya tha par BJP galat kar rahi hai.