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बुधवार, 7 नवंबर 2012

प्रशासकीय विफलता और सजा भुगत रहे निर्दोष

कुछ समय पहले नेपाल और उत्तर प्रदेश की सीमा
के कुछ राष्ट्रीय बैंको में नकली नोट की खबर आई थी जिसके बारे में पता करने पर बैंक
के कर्मचारियों ने बताया था कि यह सारे नोट RBI द्वारा ही भेजे गये है और इस पूरे मामले
को वहीं पर दबा दिया गया था भ्रष्ट मीडीया ने भी इस मामले को उजागर नहीं किया था| अगर
यह मामला सच है तो देश में RBI द्वारा ही अरबों नकली रूपया डाला गया है यह साफ नजर
आता है और इसकी पुष्टि इससे भी होती है कि जिस कंपनी से नोट छापने के लिये पेपर लिया
जाता है वह पेपर जाँच में खरा न उतरने पर भी उसे देश में आ चुका था|
"जबकी कम्पनी ने मान लिया कि 31 सुरक्षा मानकों में से 4
बिन्दुओं में सुरक्षा चूक हुई है, इसकी पुष्टि होशंगाबाद की लेबोरेटरी में भी हो गई,
लेकिन तब तक 1370 मीट्रिक टन कागज “रद्दी के रूप में” भारत
की विभिन्न नोट प्रेस में पहुँच चुका था, इसके
अलावा 735 मीट्रिक टन नोट पेपर विभिन्न गोदामों एवं ट्रांसपोर्टेशन में पड़ा रहा, जबकि
लगभग 500 मीट्रिक टन कागज De La Rue कम्पनी में ही रखा रह गया|"
जिसकी पुष्टि नीचे दी गई लिंक पर दिये गये
समाचार से प्राप्त हो सकती है, इसका मतलब  हमारे
देश के यह भ्रष्टाचारी नेता किस तरह से देश को बर्बाद करने पर तुले हुयें है| इतना
सारा नकली नोट जो प्रशासकीय और खूफिया तंत्र की असफलता का परिणाम है वह अरबों की संख्या
में हमारे देश में मौजूद है और उसके द्वारा लेन-देन जारी है| अब हालत यह है कि नोटों
को दोबारा कैसे ढूंढ कर नष्ट किया जाये उसका शिकार RBI उन गरीब और निर्दोष जनता को
बना रही है जिसका हस मामले से दूर- दूर तक किसी प्रकार से कोई नाता नही है| पहले नोट
जाँचने के लिये जो मशीनें बैंकों में लगाई गई थी वह मशीने उसी कंपनी नेsupply की थी जिसकी महत्वपूर्ण
भूमिका नोट बनाने में थीं| आज हमारे देश में बैंकों द्वारा 1000/-रु. और 500/-रु. के नोट मशीनों से जाँच कर के लिये जा रहे
है, एक अच्छे से अच्छा, पढे-लिखे इंसान द्वारा भी नोट की जाँच करना बहुत मुश्किल काम
है जबकि गरीब और अनपढ़ व्यक्ति तो उसे जाँच ही नहीं सकता| नोट को जाँचने के 11 विकल्प
दिये गये है जिसमें से अगर एक तरीका भी समझ नहीं आया तो नकली नोट आपके पास पहुँच सकता
है और अगर उस नोट को आप बैंक में जमा करने गये तो बैंक की मशीन आपके नोट को पहचान लेगी
और Bank आपके हाथ में ऐसा पेपर थमा देगा जिसका इस्तेमाल करके पुलिस आपको परेशान करेगी
और इस पेपर द्वारा RBI का नाम लेकर पुलिस आपके ऊपर नकली नोट संबंधी मामला बनाने का
कार्य करेगी जिससे आप रिश्वत देकर ही बच सकेंगे, अगर आप घबरा गये तो| 
आज कल यह कार्य देश में जारी है हमारे जान
पहचान वाले के साथ भी ऐसा ही हुआ, एक व्यापारी ने उन्हें 5000/- रू दिये जिसे जब वे
ICICI Bank में जमा कराने गये तो उसमें से 1000/- रु. का एक नोट नकली निकला जिसे मशीन
ने पकड लिया और फिर उस नोट के बदले एक फाँर्म पर हस्ताक्षर करवा के ले लिया, व्यापारी
से जब कहा तो उसने कहा नोट वापस ले आओ मैं नोट बदल कर दे दूँगा मगर bank ने नोट वापस
देना मंजूर नहीं किया, यहाँ तक कि Bank Manager से व्यापारी की बात भी कराई गई लेकिन
Manager नहीं माना और व्यापारी ने भी कह दिया कि जब तक नोट नहीं लाओगे तब तक नोट बदल
कर दूसरा नोट नहीं मिलेगा| जिसका मतलब साफ हुआ कि पहचान वाले का 1000/- रु. का नुकसान
हो गया| इस मामले में जब Bank में कहा गया तो सभी ने कहा कि आपको नोट देखकर लेना चाहिये
(जब बैंक के कर्मचारी बिना मशीन की सहायता के नकली नोट की पहचान नहीं कर सकते तो आम
इंसान क्या कर पायेगा) जब पहचान वाले ने कहा कि "ऐसी व्यस्त जिन्दगी में हम नोट
के नकली होने को कैसे पहचान सकते है?" तो बैंक द्वारा कहा गया कि "आप ही
भुक्तो हम कुछ नहीं जानते"| Bank ने इसी प्रकार के कई और भी नकली नोट पकडे जो
सभी जब्त कर लिये गये, एक गरीब तो रोने लगा जिसका 500/- रु. का नोट नकली था उसे शायद
अपने बच्चे की फीस जमा करने के लिये Draft बनाना था| पहचान वाले और अन्य लोगों की यह
परिस्थिती देखकर हमने यह निश्चय किया है कि चाहे जितनी भी जरूरत आन पडे हम 500/- रु.और
1000/- रु. के नोट का पूरी तरीके से बहिष्कार करेंगे, देश की भ्रष्ट सरकार जो हमसे वोट लेकर सत्ता में बैठती है और अगले 5 वर्ष तक
हमारा शोषण अपनी मनमर्जी के मुताबिक करती रहती है (क्योंकि हमारे पास ऐसी कोई चाबी
नहीं रहती जिसका इस्तेमाल करके हम उसे बदल सकें या उस पर लगाम लगा सकें या उसे सजा
दे सकें) मगर एक यह चाबी तो है हमारे पास कि हम अपनी मर्जी से 500/- रु. या 1000/-
रु. के इस्तेमाल करने के या न करने के अधिकारी है क्योंकि आज की परिस्थिती से यह साफ
पता चलता है कि यह सरकार खुद ही नकली नोट बाजार में डाल रही है और कुछ समय बाद उन्हीं
नोटों को शून्य की  हैसियत से जनता से वापिस
ले रही है साथ में एक दाग कि आप नकली नोट रखते हो दे रही है| हमने निश्चय किया है कि
हम बड़े नोटों की अपेक्षा Cheque या Draft ही लेंगे और अगर बहुत ही मजबूरी हुई तो
1000/- रु. या 500/- रु. देने वाले से नोटों के No. के साथ पेपर पर यह लिखवाकर लेंगे
कि अगर कोई भी नोट Bank ने नकली पहचान कर जमा किया गया और उसके बदले में जमा Note का
Receive दिया तो उसे Note देने वाले को देंगे और उससे नकली नोट के बदले में उतनी ही
रकम वापस लेंगे| यह कार्य हमलोगों के हाथ में है, मगर यह सरकार जो हमें लूटने के लिये
तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है उसका जवाब हम कानून के दायरे में रहकर दे सकते है और
जहाँ तक हमें उम्मीद है इस फैसले से किसी भी मेहनतकश ईमानदार व्यक्ति पर कोई फर्क नहीं
पडेगा, उन काला धन रखने वाले बड़े-बड़े सेठो और रईसों के ऊपर जरूर पडेगा जो बड़े-बड़े नोटों
को काले धन के रूप में अपने पास जमा करके रखते है और गैर कानूनी व काले धन्धे को बढावा
देते है |
जहाँ तक हमें उम्मीद है इस फैसले से सभी लोग
सहमति रखेंगे और आगे चलकर हमें कुछ ऐसा करना पढेगा जिससे बड़े नोटों की जरूरत ही न पडे
बल्कि Cheque, Draft या Digital Currency से हम लोगों का काम होने लगे जिससे काले धन
और भ्रष्टाचार पर काफी हद तक रोक भी लगाई जा सकेगी| जरूरत है हम सब को एकजुट होकर ऐसा
कार्य करने की जो आपके अपने हाथ में है उसके लिये हमे न किसी से वोट की भीख माँगनी
है और न ही समर्थन बल्कि यह फैसला करने से हम अपने आपको नकली नोट से संबधित मुसीबत
से खुद को बचा सकते है और अपना बचाव करना हर व्यक्ति का हक है जिसे कोई हससे छीन नहीं
सकता| एक समय था जब खबरें आई थीं कि ATM से नकली नोट निकल रहे हैं लेकिन आज हम यह कैसे
मान लें कि ऐसा नहीं हो रहा होगा? उस वक्त किसी ने बताया था कि बैंक वाले खुद नकली
नोट ATM में डलवा रहे हैं और पता चलने पर फौरन ही मामले को दबाने के लिये नोट बदल कर
के दिये जाते हैं| इस प्रशासनिक व्यवस्था पर हम कैसे भरोसा करें यह कभी भी हमें मुसीबत
में डाल सकती है, नुकसान करवा सकती है और साथ में जिन्दगी भर का दाग भी दे सकती है
(नकली नोट वाला) जबकि १००/- रु. का नोट २-४ बार नकली निकलेगा तो उतना फर्क नहीं पड़ेगा
जबकि ५००/- रु. या १०००/- रु. का नोट एक बार भी नकली निकला तो हमारे चूल्हे पर बहुत
अधिक प्रभाव डालेगा|

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