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शनिवार, 27 अक्तूबर 2012

यू.पी.ए. के सात मंत्रियों के इस्तीफे की कहानी


फेरबदल से पहले 7 मंत्रियों के इस्तीफेकी वजह बताई गई कि इससे मनमोहन को टीम चुनने में आसानी होगी। लेकिन असल वजह कुछ और है। उधर संगठन में भी नॉन-परफार्मर नेताओं को हटाने की तैयारी चल रही है। 



अंबिका क्यों हटीं? ये प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की टीम में फिट नहीं हो पा रही थीं। मनमोहन के परफार्मेंस मैनेजमेंट सिस्टम में ये फेल हो गई थीं। लगातार आरोपों की मार झेल रही सरकार का बचाव कर पाने में भी सूचना प्रसारण मंत्री सोनी कामयाब नहीं हो पाई थीं। हालांकि अंबिका सोनी ने कहा कि उन्हें पार्टी में पूरा समय देना होगा, इसलिए पद छोड़ा। 
वासनिक क्यों गए? इनसे भी प्रधानमंत्री खुश नहीं थे। पिछले दिनों कांग्रेस कार्यसमिति बैठक में इन्होंने दलित और वंचित तबकों की योजनाओं पर अमल न होने का मसला उठाया था। इससे प्रधानमंत्री नाराज थे। लेकिन इस्तीफा देने के बाद वासनिक बोले, मैं तो संगठन का ही आदमी रहा हूं। 
कृष्णा का कसूर? संयुक्त राष्ट्र में गलत भाषण पढऩा खासा चर्चा में रहा है। वहीं कर्नाटक लोकायुक्तने एक मामले में इनके खिलाफ जांच के आदेश भी दिए हैं। इस्तीफा देने के बाद इन्होंने कहा है कि हमने तो युवाओं के लिए जगह खाली की है। 
सहाय को क्या हुआ? सुबोधकांत से सत्ता और संगठन नाराज है। एक तो ये कोयला घोटाले में फंसे हैं। दूसरा-जिद करके भाई को टिकट दिलाया, लेकिन जिता नहीं पाए थे। तीसरा-रामदेव बाबा से इनकी करीबी। इन्होंने कहा कि संगठन में काम करना चाहते हैं। 
खंडेला क्यों चले गए? महादेव खंडेला को जाट नेता के रूप में मंत्रिमंडल में राजस्थान कोटे से जगह दी गई थी। लेकिन आदिवासी मामलों के राज्यमंत्री खंडेला कामकाज से प्रभाव नहीं छोड़ पाए। पिछले दिनों राजस्थान के दूदू में आधार कार्ड जारी करने के लिए समारोह में सोनिया गांधी के साथ मंच पर जगह तक नहीं दी गई थी। खंडेला बोले, हम तो हाईकमान की हर बात मानते हैं। 
..और पुरंदेश्वरी की कहानी? आंध्रप्रदेश से कैबिनेट मंत्री के रूप में प्रमोशन की आस में उत्साहित मानव संसाधन राज्यमंत्री डी पुरंदेश्वरी से कैबिनेट फेरबदल के पहले ही चूक हो गई। 
उन्होंने पहले ही खुद को नया वाणिज्य मंत्री घोषित कर दिया। इसको लेकर सरकार और पार्टी दोनों ही स्तरों पर नाखुशी जाहिर की गई। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एनटी रामराव की बेटी पुरंदेश्वरी के पास राज्यमंत्री के रूप में मानव संसाधन मंत्रालय में खास काम नहीं था। इनका दावा है कि प्रधानमंत्री उनके काम से बहुत खुश हैं, इसलिए प्रमोशन मिल रहा है। 

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