हमारे देश के आज तक से सबसे महान प्रधान मंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह की आर्थिक सुधारो को लेकर की गई ये टिप्पणी सुनकर मुझे बहुत हंसी आई,,
आज भारत का एक छोटा बच्चा भी जानता है की ये सरकार लड़ने-भिड़ने की छमता को चुकी है,,
वर्तमान सरकार को सिर्फ सरकार में बना रहना आता है.. फेसले लेना नही...
और उनके फेसले न लेने के कारण भी बड़े ही दिलजस्प होते है,
पिछले कुछ समय से निष्क्रियता के आरोप झेल रही केंद्र सरकार ने एकाएक आर्थिक सुधारों की झड़ी लगा दी है। महज दो दिन के भीतर कड़े आर्थिक फैसले लेकर सरकार ने साफ कर दिया है कि वो अब आरपार की लड़ाई के लिए तैयार है। आज हुई कैबिनेट की बैठक में खुद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी इस बात के संकेत दिए।
पीएम ने कैबिनेट की बैठक में कहा कि कड़े आर्थिक फैसले लेने का वक्त आ चुका है। अगर अब हमें जाना भी पड़ा तो हम लड़ते हुए जाएंगे। इसके बाद कैबिनेट ने लंबे समय से ठंडे बस्ते में पड़े रिटेल में 51 फीसदी एफडीआई के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी। यही नहीं घरेलू एयरलाइंस में 49 फीसदी विदेशी निवेश के विवादित मुद्दे पर भी सरकार ने दृढ़ता दिखाते हुए इसे मंजूर कर लिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कैबिनेट ने अर्थव्यवस्था के विकास को गति देने के लिए आज कई निर्णय लिए हैं। ये कदम भारत को विदेशी निवेश के लिहाज से और ज्यादा माकूल देश बनाएंगे। मैं मानता हूं कि ये कदम हमारी विकास प्रक्रिया को मजबूत करेंगे और इस मुश्किल समय में रोजगार पैदा करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने देशहित में कदम उठाए हैं। उन्होंने अपील की कि जनमत के सभी हिस्से उसका सपोर्ट करें।
गौरतलब है कि कल ही सरकार ने डीजल पर एक साथ पांच रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी और एलपीजी कोटा छह सिलेंडर प्रति वर्ष तक फिक्स कर ये संकेत दिए थे कि वो अब राजनीतिक मजबूरियों को पीछे छोड़ अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने के लिए तैयार है।
हालांकि सरकार की असली परीक्षा अब शुरू हुई है। सरकार के घटक दल और उसे बाहर से समर्थन दे रही पार्टियां उसके इस ‘साहसिक’ कदम के विरोध में किस हद तक जाती हैं, और उनके विरोध का सामना कांग्रेस कैसे करती है ये देखने वाली बात होगी।
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