Translet

रविवार, 7 अप्रैल 2013

सुचना

हमने अब एक नया ब्लॉग शुरू किया है आगे से सभी नै पोस्ट वन्ही होंगी आप लिंक पर जाकर चेक करें
आम आदमी जिंदाबाद

रविवार, 31 मार्च 2013

1 April= मुर्खता दिवस = राहुल गाँधी दिवस :)

राहुल जी कल अप्रेल फूल हैसुना है कई कांग्रेसी इस दिन को आउल गांधी मुर्खता दिवस के रूप में भी मानते है, और आपके आवश पर काफी मुर्ख पार्टी कार्यकता इक्कठे होते है, खेर हम तो वनः नही आ पायेंगे तो आपको यंही से अप्रेल फुल की बधाई दे रहे है!

वेसे आप चाहे तो इस दिन को अपने दोनों गुरुओ जस्टिस काटजू और दिग्गी को भी समर्पित कर सकते है..
वेसे भी आप के इन मुर्खता पूर्ण कृत्यों पर उनका बहुत बड़ा हाथ रहा है,
कई बार तो इस देश का आम आदमी सोचाता है की यदि दिग्गी आपके गुरु घंटाल ना होते तो इस देश को एक बड़ा जोकर मिलने से रहे जाता..
आपको ये जानकर अति प्र्श्नता  होगी की इस देश में संता बंता के जोक से भी अधिक आप पर और दिग्गी आते है..
आप इस देश के प्रधान मंत्री बने या ना बने पर पर एक दिन दुनिया के सबसे बड़े जोकर अबश्य बनेंगे..
और अंत  में, मैं उन युवाओं से जो राजनीती में आना चाहते है आपके भाषण सुनने की सलाह अवश्य दूंगा इस से उन्हें पता चलेगा की क्या नही बोलना चाहिए राजनीतक मंचो पर 

शिला जी जन्मदिवश की हार्दिक शुभ कामनाये :(

शिला जी सोसल मिडिया के माध्यम से पता चला की आज आपका जन्मदिवस है तो आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाये दे रहे है..
आज सोसल मीड़ीया पर आपकी जन्मदिवस मानती हुई फोटो देखि तो बड़ी ग्लानी महसूस हुई..खेर आपको नही होगी..
एक व्यक्ति पिछले आठ दिनों से आपके राज्य में बिजली-पानी जैसे जनता से जुड़े मुद्दे के हल के लिए भूखा बता है और आप अपना जन्मदिन केक खा खा के मना रही है.
क्या यमुना में इसी दिन के लिए चुलू भर पानी बचा है:(

और कल आ रहा है दिल्ली का आम आदमी आपके द्वार परअपनी चिठिया लेकर सुनाहै आपके गुंडेपूरी तरफ तैयार है आमआदमी को देखने के लिए चिंता ना करिये आम आदमी भी तैयार है!

बुधवार, 27 मार्च 2013

" नरेंद्र मोदी को PM बनवाएगी कांग्रेस":- 'आप तक न्यूज़'

 इंडियन पॉलिटिक्स में वह हो गया है, जिसकी उम्मीद किसी को नहीं थी- नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी का अलायंस। कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने हमें बताया है कि गुजरात के चीफ मिनिस्टर और कांग्रेस के वाइस प्रेजिडेंट के बीच अगले जनरल इलेक्शन को लेकर एक डील हुई है, जिसकी जानकारी सीक्रेट रखी जाएगी। मोदी के एक करीबी ने भी नाम न छापने की शर्त पर इस खबर की पुष्टि की है।


अभी हाल में मोदी और राहुल एक बड़े कारोबारी के फार्महाउस पर मिले। यह कारोबारी गुजरात में काफी बड़ा निवेशक है और कांग्रेस से नजदीकी के लिए जाना जाता है। इस मुलाकात के वक्त वहां कुछ ही लोग मौजूद थे। बताते हैं कि मोदी और राहुल के बीच अलग से भी काफी देर तक बातचीत हुई। इस दौरान माहौल दोस्ताना था। दोनों नेताओं ने बड़े अदब से एक-दूसरे का स्वागत किया और विदा होते वक्त हाथ भी मिलाया।

बताया जाता है कि इस मुलाकात में एक राजनीतिक डील पर रजामंदी बनी है। यह रजामंदी मुख्य रूप से 6 बातों को लेकर है। एक, जल्द ही लोकसभा भंग करके चुनाव का ऐलान कर दिया जाएगा। दो, चुनाव के दौरान कांग्रेस और मोदी एक-दूसरे के खिलाफ कोई सख्त स्टैंड नहीं लेंगे। तीन, नतीजे आने के बाद कांग्रेस सरकार बनाने का दावा नहीं करेगी। चार, मोदी को पीएम बनाए जाने के लिए वह अपने असर का इस्तेमाल करेगी। पांच, सत्ता में आने के बाद मोदी राहुल को अपना कद बढ़ाने का मौका देंगे और उनसे इस तरह बर्ताव करेंगे जैसे वे भावी पीएम हों। छह, सरकार में युवा नेताओं को ही जगह दी जाएगी।

इस डील में मोदी और राहुल दोनों का फायदा है। मोदी को खतरा है कि बीजेपी में दूसरे नेता अपनी दावेदारी आगे बढ़ा सकते हैं। इसलिए अगर जल्दी चुनाव होंगे, विरोधी खेमे को मोर्चाबंदी का मौका नहीं मिलेगा। राहुल भी यह समझ रहे हैं मौजूदा हालात में यूपीए के लिए सरकार बनाना मुश्किल होगा। जिस रफ्तार से करप्शन के स्कैंडल सामने आ रहे हैं, उसे देखते हुए देरी घातक हो सकती है। उस पर अगर हमलावर मोदी पीएम बन गए तो बहुत मुश्किल हो जाएगी।

कांग्रेस से दोस्ती रखने वाले मोदी पीएम बनें और इस दौरान राहुल को अपोजिशन लीडर के तौर पर इमेज कमाने का मौका मिले, यह दोनों के लिए विन-विन सिचुएशन है।

कैसे मुमकिन हुई डील
मोदी और राहुल के बीच रेपो के पीछे एक पर्सनल वजह भी बताई जाती है। मोदी सिंगल हैं और राहुल भी। बताते हैं कि राहुल मोदी की इस बात से काफी प्रभावित हैं और हाल में खुद भी शादी को लेकर अनिच्छा जता चुके हैं। मुमकिन है कि अकेले में उनके बीच इस मसले पर बातचीत हुई हो और राहुल ने अकेले जिंदगी गुजारते हुए जनता की सेवा के गुर सीखे हों। मोदी भी एक युवा नेता के ऐसे ऊंचे विचारों की तारीफ किए बिना नहीं रह सके होंगे।



ये खबर आप तक न्यूज़ से ली गई है और इस खबर की सारी जिम्मेवारी आपतक न्यूज़ के सम्वादाता की  है!
 http://www.aaptaknews.com/index.php/country-news-list/9290-narenmdrar

मंगलवार, 26 मार्च 2013

आम आदमी का संदेश शिला जी के नाम:- "शिला जी कब तो बहरी बनी रहोगी"

आदरणीय शिला जी,
                     इस मुर्ख आम आदमी ने कल भी आप से विनम निवेदन किया था की आप अरविन्द जी मांगो पर विचार करे और यथासम्भव उन मांगो पर कार्यवाही भी करे.. अरविन्द जी ने कोई आप से बहुत भरी भरकम मांग तो की नही है.. बस बिजली के बड़े हुए बिलों को कम करने की दरखास्त ही की है, पर शायद आप एक "आम आदमी" के सामने झुकता नही दिखना चाह रही है!


 आज होली का दिन है आप और आपका पूरा परिवार आज होली मना रहा होगा, क्या अरविन्द केजरीवाल का कोई परिवार नही है? क्या उन हजारो लोगो का कोई परिवार नही है जो आज भी अरविन्द जी के अनशन स्थल पर जुटे हुए है... आप कम से कम इस त्यौहार के  मौके पर कुछ तो कन्हे अरविन्द जी से उनके स्वास्थ्य में लगातार गिरवाट आ रही है.. और  जैसे जैसे उनके स्वास्थ्य में और अधिक गिरावट आती रहेगी, इस युवा का आपसे निवेदन और अधिक कडा होता रहेगा.. अब ऐसा तो है नही की आप बिजली के बिलों को कम नही करेंगी इस अनशन के बाद.. आपको तो करने होंगे ही क्युकी जितनी अधिक आप देर करेंगे ये आन्दोलन और अधिक उग्र रूप लेने लगेगा.. और इस से आपकी पार्टी और आपकी सरकार की छवि को भारी नुक्सान भी होगा!
पर आप भी अरविन्द जी के स्वास्थ्य में भयानक गिरावट का इन्तजार कर रही है शायद जिस से आप बिजली कम्पनियों को दिखा सके की इस कारण मुझे बिजली के बिल कम करने के लिए  मजबूर होना पड़ा..
मेने सुना है की आपकी पार्टी की केंद्र सरकार अम्बानी की दूकान है? अगर ये सच है तो क्या आप इन बिजली कम्पनियों की दूकान है जो आपको वो लोग नही दिख रहे जिन्होंने आपको दिल्ली की सत्ता तक पहुचाया और आपका ध्यान  सिर्फ और सिर्फ बिजली कम्पनियों को अधिक से अधिक फायदा पहुचाने पर ही है!

शिला जी चिंता ना करे.. कब तक इस "आम आदमी" की मांगो को इगनोर करोगे जनाब.. नवम्बर में दिल्ली विधान सभा चुनाव है कंही ऐसा ना हो ये आम आदमी सत्ता में आ जाए और फिर अपने लिए खुद कानून बनाये..अपने बिजली-पानी के बड़े हुए बिल खुद सस्ते करे.. आपने देखा ही होगा की कल दिल्ल्ली के लोगो ने बिजली के बिलों की होली जलाई.. अब इंतजार किस बात का है? आपकी सरकार की होली जलने का..
और ये आपको संदेश देने की सीरिज तब तक जारी रखी जायेगी जब तक की आप अरविन्दजी मांगे मान नही लेती...

धन्यवाद!!

Arvind Kejriwal’s health dips, spirit high

Arvind Kejriwal’s health dips, spirit high -- 1.86 lakh electricity consumers pledge to default!

Addressing the people on the fourth day of the satyagraha against unfair rate of water and electricity, Arvind Kejriwal said his health deteriorated since yesterday’s speech and, hence, he would speak less this time. Assuring the people at large, however, he proclaimed, "Sharir kamzor zaroor hai, magar hausle buland hain (I am only physically weak; my spirit has not dampened)."

In the evening, his Blood Pressure was 114/70, Pulse was 75 and Sugar was 85. He has lost 5 kg of body weight in the last four days, Kejriwal’s medical team informed.

By the end of Day 3, i.e. March 25th, 186697 satyagrahis had signed protest letters to Shiela Dikshit pledging that they would not pay the inflated bijli-pani bills.

Today, general secretary of Delhi Resident Welfare Association Federation — an association of 51 RWAs under its fold — DC Prajapati pledged the support of the outfit to the indefinite fast for people’s cause. He said he would be getting the protest letters addressed to Shiela Dikshit signed by people living in these areas.

As the day progresses, residents of Sunder Nagari would light a huge pyre of inflated bijli-pani bills at around 7pm. On the eve of Holika dahan, hundreds of people would assemble near F-Block in Sundar Nagari. ((Photographs of the same would be made available on the website: www.aamaadmiparty.org))

On stage, family members of one Rasida Begum, 64, who lives in a one room shanty in Inderlok with her handicapped son came to complain she has received an inflated bill of Rs 1,15,868. She has a question to ask Delhi Chief Minister Shiela Dikshit, "My handicapped son and I are unemployed. I paid Rs 15,000 last year after taking a loan. How can I pay this bill of over 1 lakh?"

Ram Kishori is a widow who lives in Dwarka Phase 3. She works as a domestic help to make her ends meet. She had received a bill of Rs 53,000. On non-payment of the bill, her supply of electricity to her house was disconnected. She asks, "I am a widow, how can I pay this bill with my meagre income?"

18-year old Neha''s father is a scrap dealer. He barely manages to feed six mouths with a measly income of Rs 5,000 a month. The family has received an electricity bill of about Rs 2,500. Neha asks, "If my father pays Rs 2,500 for electricity, what will our family eat; how will we study?"

Inviting all such victims of the Delhi Government-discoms nexus on stage or hearing patiently their tales of woes outside, AAP activist Manish Sisodia said that there were only two ways the ruling class ensures its rule lasts for ever: instilling fear and greed in the minds of the people; “greed in a few, and fear in most”. The need of the hour is to get over the fear of oppression by the ruling class, he said while informing the audience that the government, which has started feeling the heat of the movement, has started misusing the police to scare activists of the AAP. Posters, hoardings, banners and other publicity material of the party are being pulled down from across the city, and volunteers are being manhandled by the police, Sisodia informed.

इस बार दिल्ली में होलिका के साथ जले बिजली के बिल


होली हम सब के लिए बहुत आनंद का पर्व है. लेकिन इस बार हम सब होलिका-दहन, घर-परिवार के साथ नहीं बल्कि दिल्ली की एक झुग्गी-कालोनी में बिजली के नाजायज़ बिल जला कर मना रहे हैं.

आप भी सुन्दर-नगरी पहुँचिये या जहाँ हों वहीँ इस अन्याय के खिलाफ आवाज़ बुलन्द करिए. ऐसा न हो कि हमारी उपेक्षा या मौन से एक क्रन्तिकारी की "प्रह्लाद-धर्मी" चेतना भ्रष्टाचार की अराजक आग में जल कर राख हो जाये ! कुछ लोग कहते हैं कि ये राजनीति है.
काश कि ऐसी राजनीती मोटी तोंद वाले,कड़क कलफ में लिपटे,बड़ी गाड़ियों में विचरते "अंगूठा-छाप" नेता भी शुरू कर दें जो एक दीवाना इनकम टेक्स-कमिश्नर की नौकरी को लात मात कर दिल्ली की एक मलिन बस्ती में एक गरीब के दरवाज़े पर कर रहा है.
कम्पनियों की दलाली कर रही दिल्ली सरकार की हालत पतली हो रही है, लाखों लोगों को बिजली बिल जलाते देख कर! हो सकता है अभी कुछ लोग इस तपस्या को गाली दें लेकिन एक दिन आयेगा जब इतिहास भारत की नव्य-राजनीति के इन अनोखे प्रयोगों को आदर से प्रणाम करेगा.
अरविन्द को प्रचंड उमस-मधुमेह में जोर मारती भूख पर विजय का चौथा दिन मुबारक! आइये हम सब इस होलिका दहन में राजनीती और कॉर्पोरेट की सम्मिलित लूट के प्रमाण पत्र यानी, बिजली पानी के बिलों को जलाकर हर दिल्ली वासी के दिल में मनोबल का उजाला फैलाएं.
आप सब को भी इस होलिका दहन के अशेष शुभकामनाएँ ! हम लड़ेंगे और जीतेंगे साथी... हर उदास मौसम के खिलाफ ! जय हिन्द !

शिला जी के नाम "आम आदमी का पैगाम"

आदरणीय शिला जी,
                        सर्वप्रथम तो आपको बिजली के इन दामो के लिए धन्यवाद.. दिल्ली का आम आदमी आपके द्वारा किये जा रहे आम आदमी पर इन उपकारों से बहुत खुश है!

और एक प्राथना और थी आप उपर की इन दो पंक्तियों को पड़कर व्यंग ना समझ ले और मेरे उपर मान हानि का मुकदमा ना ठोके क्रपा करके वरना मेरा तो कुछ नही देश को पता चल जायेगा की आप का मान कितना सा? है..
खेर मुद्दे पर आते है मेडम, आप पता ही होगा की श्री अरविन्द केजरीवाल बिजली के बड़े दामो के खिलाफ अनशन पर बैठे हुए है.. और आप उनके कितने भी दिन तक अनशन करने के बाद भी बिजली का दाम  ना  घटाने को मन बना चुकी है.. आप कम से कम ये तो बता ही दें की आप का दिल कब पिघलेगा उन झुगी झोपडी वालो पर जिनकी झुगी का बिल 67000 आ जाता है..
आप इतनी सीनियर लीडर है पिछले पन्द्रह सालो से देश की राजधानी सम्भाल रही है.. क्या आपाको कंही से भी लगता है उस झुगी में इतनी बिजली जल गई होगी?
शिला जी मैं आपके पोते की उम्र का हूँ इसीलिए आपसे विन्रम निवेदन कर रहा हूँ.. हाथ जोड़कर विनती कर रहा हूँ की ये बिजली मुद्दे पर जरा ध्यान दें और अरविन्द जी के साथ वार्ता करे..अगर आप एक आम आम आदमी की मांगे मान लेंगे तो आपका कोई सम्मान नही घट जायेगा मेडम..

हो सकता है आपकी भी कुछ मजबूरिय हो.. जिन बिजली कम्पनियों के वो बिल है आप उनके सामने नत मस्तक हो और शायद यही कम्पनिया आपको आगामी दिल्ली इलेक्शन में आर्थिक मदद कर रहे है.. और इसीलिए वो पैसा "आम आदमी" जेब से आप भी निकलने दे रही है..
खेर अभी तो अनशन शुरू हुए कुछ ही दिन हुए है.. देखते है आप कब तक नही पिघलती वरना हम तो रोज़ आपके इस व्यवहार पर प्रतिक्रिया देंगे ही..

और तब तक इस मुद्दे पर सोसल मिडिया में इस देश का युवा लिखता रहेगा जब तक आप अरविन्द जी की मांगे ना मान ले..
और हाँ मेडम कंही इस भूल में मत रहना की ये आन्दोलन तो सिर्फ दिल्ली तक ही सिमित रहेगा.. ये सोसल मिडिया का दौर है मेडम ऐसा ना हो आपके इस व्यवहार के कारण पुरे देश में आप अपनी पार्टी की छवि भी खराब कर बैठे.. क्युकी इस पोस्ट का लेखक भी दिल्ली का नही देहरादून का है :)
और हम भी आपका गुस्सा बहुगुणा जी के बेटे के चुनाव में दिखा चुके है यदि आप को याद हो तो..

बाकी इस सिरीज़ की पोस्ट हम तब तक जारी रखेगे जब तक अरविन्द भाई अनशन पर बैठेंगे...


अरविन्द का अनशन और मिडिया का ये प्रदर्शन

मैं इस देश की मिडिया जिसे लोकतन्त्र का चौथा स्तम्भ मानते है, उस से साधारण से कुछ प्रश्न पूछ रहा हूँ?
१.क्या इस देश में बिजली -पानी से बड़ा मुद्दा संजय दत्त की जेल है?
२. क्या इस देश में बिजली-पानी से बड़ा मुद्दा सास-बहु-और साज़िश है?
३.क्या इस देश में बिजली- पानी से बड़ा मुदा मुशरफ की पाकिस्तान वापसी है?

कुछ तो कारण होंगे मिडिया के द्वारा बाई काट करने करने के ये आन्दोलन..
क्या ये अरविन्द भाई का आन्दोलन है?
या दिल्ल्ली की उन लोगो का आन्दोलन है जो बिजली के बड़े बिलों से परेशान है?
अब मिडिया के इस आन्दोलन का बाई काट करने के तिन ही कारण हो सकते है..
या सच में बिजली-पानी से बड़ा संजय दत्त,सास-बहु साजिसऔर मुशरफ है..
या बिजली के बड़े बिलों से मिडिया हॉउसेस को कोई परेशानी नही है..
और एक तीसरा कारण ये हो सकता है की देश का चौथा स्तम्भ अरविन्द केजरीवाल के अम्बानी पर किये खुलासे के बाद उनके आन्दोलन अब अपने चेनल पर नही दिखा सकता हो..

मुझे निजी रूप से ये तीसरा कारण ही लग रहा है मिडिया की बेरुखी का?
 वेसे मिडिया दिखाए तो भी अच्छा और नही दिखाए तो भी अच्छा..
पर दिनकर जी की वो पंक्तिया तो इस मिडिया के लिए कही ही जा सकती है..
"नही पाप का भागी केवल व्याध, जो तटस्थ है समय लिखेगा उनका भी अपराध.."

कंही ऐसा ना  हो की तुम्हारे माथे ये इल्जाम आये माँ कहे जब वक्त पड़ा तो बेटे काम ना  आये..
आज जब भारत माता को अपने सभी बेटो की आवश्यता है देश से भ्रष्टाचार मिटाने के लिए तो क्यों कुछ बेटे अभी भी निहायत ही निजी स्वार्थ का परिचय दे रहे है..
अरे माहराज कौन कह रहे है अरविन्द केजरीवाल की पार्टी का समर्थन करो?
पर जीस देश में मन्दिर-मस्जिद.. धर्म-मजहब..
मराठी-गेर मराठी जैसे आन्दोलन हुए..
उस देश में पहली बार कोई बिजली-पानी के मुद्दे पार आन्दोल्लं कर रहा है.. मिडिया से तो हम आशा ही कर सकते है की वो भी एक सामान्य देश के नागरिक के रूप में ही सही इस आन्दोलन का साथ दें..
क्युकी ये व्यक्ति का नही.. देश का आन्दोलन है..
वरना राज ठाकरे के भाषण  और रेलियो को ही कवर करो भाई.. हमे क्या है..


धन्याद देश के चौथे स्तम्भ :(