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शनिवार, 1 दिसंबर 2012

नेताओ के चमचे और कुत्ते?

एक नेताजी ने कुत्ता पाला था। ना-ना, मेरा आशय किसी चमचे से नहीं है। वह तो राजनीति का स्थायी भाव है। बिना चमचों के तो राजनीति ही नहीं होती। मैं दो पायों की नहीं, चौपायों की बात कर रहा हूँ । नेताजी का कुत्ता, नेताजी के प्रभाव से वाकिफ था। इसलिए कई बार वह नेता से ज्यादा भौंका करता था। 
एक दफे नेताजी के कुत्ते ने एक गरीब कवि को काट लिया। पूरा किस्सा कवि ने ही मुझे सुनाया। कविता की चंद पंक्तियों में सु
न लीजिए -
नेताजी के कुत्ते ने काटा जो गरीब को,
बोले चमचे, ''तू सामने क्यों आया था।
नेताजी का कुत्ता भी वीआईपी जीव है,
हमने तुझको पहले भी बताया था।
नेता से ज्यादा 'पावरफुल' अरे कुत्ता है
हाय 'ब्लडीफुल' तू समझ न पाया है।
नेता की खबर तो ऐसे ही छपा करे,
समाचार कुकुर के बॉक्स में आया है।''
कुत्ते के काटने की खबर अ$खबारों में बॉक्स न्यूज के रूप में छपी थी। रोचक खबर थी न कि मंत्री के कुत्ते ने किसी को काट काया। खैर, नेता के चमचों ने कवि को समझा कर, धमका कर चलता कर दिया तो कवि थाने जा पहुँचा। उसने थानेदार से जो कुछ कहा, उसे भी कविता की चंद पंक्तियों में सुन लीजिए। उसने कहा -
''थानेदार सुन लो अरज हमारी ये,
हमको के कुत्ते ने काटा है।
फौरन रिपोर्ट लिखो कार्रवाई तुम करो,
गरीबी में गीला मेरा हो गया आटा है।''
थानेदार मुसकाया फिर समझाया उसे-
''लिख लूँ रिपोर्ट पर मुझे कौन बचाएगा,
तुझको नेता के कुत्ते ने काटा था,
मुझको नेता का बच्चा काट खाएगा।''
कवि थाने से भी वापस लौट गया कि अब कहीं भी शिकायत करने से कोई फायदा नहीं। बेहतर है कि पहले इंजेक्शन लगवाओ। बेचारा अपनी सायकल बेच कर इंजेक्शन का इंतजाम करने में भिड़ गया।
तो भैया, बंगलों के कुत्ते अनंत और कुत्तों की कथा अनंता। ऐसे कुत्तों के भाग पर आप आँसू बहाइए तो बहाते रहिए, अपनी बला से। आप आँसू बहाइए, कुत्ता खुशी से इतराएगा।
एक सज्जन बेहद दुखी थे। एक-एक बूँद पानी के लिए तरस रहे थे और उधर कुत्ते पर पानी बहाया जा रहा था। यह दृश्य देख कर वे बोले- ''मैं भी अगले जनम में कुत्ता बनूंगा।''
''सिर्फ कुत्ता बनने की कामना करो तो मैला- कुचैला खाते हुए, हर जगह लतियाए जाओगे।'' मैंने कहा, 'अरे, प्रार्थना ही करनी है तो करो, कि ऊपर वाला तुम्हें किसी सेठ, सेठ भी नहीं: सेठानी, मैडम, आंटी, मेमसाहब आदि-आदि का कुत्ता बनाए ताकि तुम भी वीआईपी जीवन जी सको, और मरो भी तो शान की मौत!''
मेरी सलाह पर सज्जन वीआईपी कुत्ता बनने की प्रार्थना करने लगे। मैं भी प्रभु से प्रार्थना करने लगा, कि मुझे तो तू अगले जन्म में भी मनुष्य ही बनाना और अभावों के बीच भी स्वाभिमान का भाव बरकरार रखना। न तो मुझे कुत्ता बनाना और न ही किसी नेता का चमचा।

नोट:- कुत्ता शब्द नेताओ क चमचो के लिए प्रयोग नही किया गया है:)

आर्यन कोठियाल"(एक आम आदमी)

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